न्यू ऑरलियन्स में बुधवार को अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स के तीन न्यायाधीशों के फैसले ने निचली अदालत के फैसले के एक हिस्से को पलट दिया।
अमेरिका में गर्भपात की दवा को लेकर एक नया मामला सामने आया है। गर्भपात की दवा पर नए प्रतिबंध संघीय अदालत के फैसले के तहत लिए जाएंगे। हालांकि, अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट का होगा।
यह है मामला
न्यू ऑरलियन्स में बुधवार को अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स के तीन न्यायाधीशों के फैसले ने निचली अदालत के फैसले के एक हिस्से को पलट दिया। संघीय अदालत ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के 23 वर्ष पूर्व माइफप्रिस्टोन का अनुमोदन हटा दिया है। जबकि, एक फैसले को बरकरार रखा। इसके अनुसार, गर्भवस्था को 10वें सप्ताह के बजाये मात्र सातवें सप्ताह तक ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। वह भी डॉक्टर की सिफारिश पर ही। हालांकि, संघीय अदालत के फैसले तुरंत लागू नहीं होंगे।
खाद्य औषधि विभाग ने दी थी जानकारी
अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग ने हाल ही में बताया था कि फार्मेसी अब बिना डॉक्टर के पर्चे के दिन में एक बार गर्भनिरोधक गोलियां बेच सकती है। बिक्री पर अब उम्र का प्रतिबंध भी नहीं रहेगा। इसका मतलब है कि अब दिन में एक बार किसी भी उम्र की महिलाएं बिना डॉक्टर के पर्चे के फार्मेसी से गर्भनिरोधक गोलियां खरीद सकती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में हर साल छह मिलियन महिलाएं गर्भधारण करती हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत गर्भ अनचाहे होते हैं।
15 मिलियन महिलाओं के लिए नया विकल्प
एक एनजीओ ने कहा था कि यह असल में एक परिवर्तन है। महिलाओं को अब इस नए फैसले से मदद मिलेगी। गर्भनिरोधक दवाईयां बनाने वाली अमेरिकी कंपनी पेरिगो ने कहा था कि गर्भनिरोधक गोलियां करीब 15 मिलियन अमेरिकी महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और नया विकल्प हो सकती है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि गर्भनिरोधक गोलियों की पहुंच उसके कीमत पर निर्भर करती है। कीमतों को लेकर पेरिग का कहना है कि वह साल के अंत तक कीमतों को घोषित करेगी। अमेरिका की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतिमा गुप्ता का कहना है कि कई लोगों ने इस फैसले के लिए वर्षों तक प्रयास किया है।