बांग्लादेश में चीनी निवेश को भी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन और बांग्लादेश की संयुक्त पहल से बनाया गया पायरा पावर प्लांट चीनी ऋणों के पुनर्भुगतान में एक बाधा का सामना कर रहा है। डॉलर संकट और कच्चे माल की कमी से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इन समस्याओं को तुरंत दूर नहीं किया गया तो यह पावर प्लांट कुछ महीनों के भीतर बंद हो सकता है।
बांग्लादेश में चीन समर्थित कई परियोजनाएं खराब प्रदर्शन कर रही हैं। चीन के कर्ज में फंसे पाकिस्तान और श्रीलंका का हाल देखने के बाद विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि बांग्लादेश को भी कहीं ऐसे संकट से न गुजरना पड़े। यह बात डेली एशियन एज की एक रिपोर्ट में कही गई है।
बांग्लादेश में चीनी निवेश को भी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन और बांग्लादेश की संयुक्त पहल से बनाया गया पायरा पावर प्लांट चीनी ऋणों के पुनर्भुगतान में एक बाधा का सामना कर रहा है। डॉलर संकट और कच्चे माल की कमी से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इन समस्याओं को तुरंत दूर नहीं किया गया तो यह पावर प्लांट कुछ महीनों के भीतर बंद हो सकता है।
कई क्षेत्रों में बढ़ा रहा दायरा
आंकड़े बताते हैं कि चीन बांग्लादेश के कपड़ा बाजार में भी अपना दबदबा बढ़ा रहा है। सीमा के और अधिक खुलने से दोनों देशों के नागरिक अधिक संख्या में एक-दूसरे के यहां जा रहे हैं। विशेषज्ञों को यह पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे हालात के लिए चिंतित कर रहा है।
किसका कितना निवेश
बांग्लादेश बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 की जुलाई-जून अवधि में चीन ने 465.17 मिलियन डॉलर (बांग्लादेश में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 13.5 फीसदी) और हांगकांग ने 179.22 मिलियन अमेरिकी डॉलर (5.2 फीसदी) का निवेश किया। इस तरह कुल चीनी निवेश 644.30 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। डेली एशियन एज ने केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2022 में 661.12 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ अमेरिका शीर्ष निवेशक था, जो कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 19.2 फीसदी था।