ताइवान के उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विलियम लाई की अमेरिका यात्रा से ड्रैगन भड़क गया है उसने इस कदम की निंदा की।
चीन और ताइवान के बीच की लड़ाई किसी से छुपी नहीं है। भारत और अमेरिका भी ताइवान का ही पक्ष लेते हैं। वहीं अब ताइवान के उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विलियम लाई की अमेरिका यात्रा से ड्रैगन भड़क गया है उसने इस कदम की निंदा की।
चीन ताइवानी उपराष्ट्रति की यात्रा से उत्पन्न होने वाली हर स्थिति के विकास पर बारीकी से नजर रख रहा है और राष्ट्रीय संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ और सशक्त कदम उठाएगा। लाई स्वतंत्रता के बारे में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की तुलना में कहीं अधिक मुखर रही हैं, जिनसे बीजिंग पहले से ही शत्रुतापूर्ण है, क्योंकि वह ताइवान को चीन का हिस्सा मानने के उसके विचार को मानने से इनकार करती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान पर कभी भी नियंत्रण नहीं होने के बावजूद उसे अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करती है और उसने स्व-शासित द्वीप पर कब्जा करने के लिए बल का प्रयोग नहीं छोड़ा है। लाई के अमेरिका यात्रा के तुरंत बाद, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी आधिकारिक बातचीत का दृढ़ता से विरोध करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के अधिकारियों द्वारा अमेरिका की यात्राओं को यात्राओं के बजाय “पारगमन” के रूप में संदर्भित किया जाता है क्योंकि अमेरिका के ताइवान सरकार के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं और किसी अन्य गंतव्य के रास्ते में एक अनौपचारिक यात्रा के हिस्से के रूप में आते हैं।