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गर्भाशय कैंसर के 95% से ज्यादा मरीज गरीब और ग्रामीण, सस्ता टीकाकरण अभियान चलाने की तैयारी में सरकार

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21 एशियाई देशों में हुए इस अध्ययन रिपोर्ट को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘द लैंसेट’ ने प्रकाशित किया है। एम्स, दिल्ली के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर ने इस अध्ययन में भारत की तरफ से हिस्सा लिया।

गर्भाशय कैंसर (सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) को लेकर हैरान करने वाली अध्ययन रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में गर्भाशय कैंसर से जूझ रहे 95 फीसदी मरीज गरीब और ग्रामीण परिवेश से आते हैं।दुनियाभर के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि ये बीमारी ही गरीबों की है। मतलब दुनियाभर में गर्भाशय कैंसर के 90 प्रतिशत मामले बेहद गरीब और कम आय वाले देशों में हैं। इस रिपोर्ट से दो अन्य अहम बातें भी पता चलती हैं। पहला ये कि अगर सही समय पर बच्चियों और महिलाओं को वैक्सीन लग जाए तो इस कैंसर को होने से रोका जा सकता है।वहीं, दूसरा ये कि अगर समय रहते कैंसर होने का पता चल जाए तो भी मरीज की जान बचाई जा सकती है। 21 एशियाई देशों में हुए इस अध्ययन रिपोर्ट को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘द लैंसेट’ ने प्रकाशित किया है। एम्स, दिल्ली के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर ने इस अध्ययन में भारत की तरफ से हिस्सा लिया।

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