संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि जी-20 समिट के दौरान सहयोगियों और साझेदारों के साथ बैठक और बातचीत में हम यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करना चाहते हैं। यह हमारी बातचीत के शीर्ष विषयों में से एक होगा और इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है।
यूक्रेन-रूस युद्ध अब वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। इस वजह से भारत में होने वाले जी-20 समिट में युद्ध पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि जी-20 शिकर सम्मेलन के दौरान सहयोगियों और साझेदारों के साथ बैठक और बातचीत में हम यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करना चाहते हैं। यह हमारी बातचीत के मुख्य विषयों में से एक होगा और इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है।
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध तब शुरू हुआ जब यूक्रेन ने नाटो सदस्यता के लिए पेशकश की और उसने इसे अस्वीकार कर दिया। यूक्रेन से अलग होने की मांग कर रहे दोनेत्स्क और लुहांस्क को “स्वतंत्र गणराज्य” के रूप में मान्यता देने के बाद रूस ने 24 फरवरी, 2022 को अपना विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था। रूस ने तब से यह कहना जारी रखा है कि उसके अभियानों का उद्देश्य देश को “विसैन्यीकरण” और “नाजीकरण” से दूर रखना है। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य नाटो देशों ने कहा है कि चल रहे संघर्ष के कारण अब यूक्रेन को इसमें शामिल करना असंभव है।
जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि यूक्रेन नाटो की सदस्यता के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि नाटो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोकतंत्रीकरण से लेकर अन्य मुद्दों की पूरी श्रृंखला तक सभी योग्यताओं को पूरा करने में कुछ समय लगता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की नाटो सदस्यता के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक साक्षात्कार में कहा, मुझे नहीं लगता कि यह (यूक्रेन) नाटो में सदस्यता के लिए तैयार है। हालांकि, यूक्रेन अभी भी नाटो का हिस्सा बनने के लिए प्रतिबद्ध है।