इस दौरान सरकार विपक्ष पर हमले के साथ अपनी उपलब्धियां गिनाएगी। वहीं, विपक्ष सरकार की खामियां गिना कर उसे कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगी।
मोदी सरकार मंगलवार यानी आज अपने दूसरे कार्यकाल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। चूंकि चंद महीने बाद लोकसभा चुनाव है और संख्याबल की दृष्टि से सरकार को कोई खतरा नहीं है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा चुनावी होगी। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता ऐसे समय में बहाल हुई है, जब मंगलवार को संसद में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी चाहती है कि सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान वह पार्टी की ओर से मुख्य वक्ता की भूमिका निभाएं। ऐसे में इस बात की ज्यादा संभावना है कि राहुल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत कर सकते हैं।
सरकार की ओर से दस सांसद लेंगे चर्चा में भाग
सरकार की ओर से कम से कम दस सांसद चर्चा में भाग लेंगे। इन सांसदों को क्षेत्र विशेष की उपलब्धियां गिनाने का निर्देश दिया गया है। मतलब हर वक्ता मोदी सरकार के अलग-अलग क्षेत्र की उपलब्धियां गिनाएंगे।
विपक्ष के नेता मुख्य रूप से मणिपुर हिंसा के बहाने महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा, केंद्रीय जांच एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल, विपक्षशासित राज्यों में राज्यपालों की राज्य सरकारों के खिलाफ नकारात्मक रवैया और देश में सांप्रदायिक सद्भाव के कथित तौर पर लगातार खराब होने के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी। इनमें सबकी निगाहें खासतौर से राहुल गांधी के भाषण पर होगी।
गौरतलब है कि राहुल गांधी के 2019 के उनके मोदी सरनेम को लेकर दिए गए एक बयान की वजह से उनकी संसद सदस्यता बीती 24 मार्च को रद्द कर दी गई थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पर रोक लगाए जाने के बाद सोमवार को उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। अब वे सदन में एक बार फिर अपनी पार्टी का पक्ष रखेंगे।