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स्तनपान से जुड़े इन मिथ्स पर कहीं आप भी तो नहीं करते हैं यकीन? जान लीजिए क्या है सच

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मां के पहले गाढ़े पीले दूध को बच्चे के लिए अमृत के समान माना जाता है। इसमें नवजात के शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं। हालांकि दुर्भाग्यवश अब भी दुनियाभर में लाखों बच्चों को मां का दूध नहीं मिल पा रहा है। इसी बारे में लोगों को जागरूक करने और स्तनपान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल एक से सात अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम है “आइए काम के दौरान भी शिशु को स्तनपान कराएं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अब भी ज्यादातर महिलाएं स्तनपान के प्रति जागरूक नहीं है, लिहाजा शिशुओं को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। वहीं अध्ययन से पता चलता है कि जागरूकता में कमी के लिए समाज में फैले मिथ्स भी एक बड़ा कारण हो सकते हैं। आइए स्तनपान को लेकर ऐसे ही कुछ मिथ्स और फैक्ट्स के बारे में जानते हैं।
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मिथ: यदि आप बीमार हैं तो आपको स्तनपान नहीं कराना चाहिए।

स्तनपान ही आपके बच्चे के लिए आहार का एकमात्र स्रोत है, इसलिए रोजाना उसे स्तनपान जरूर कराएं। यदि आप बीमार हैं तो भी स्तनपान जारी रख सकती हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपको सही उपचार मिले और आराम करें, अच्छा भोजन करें। बुखार है या संक्रमण की स्थिति है तो भी स्तनपान कराती रहें, इस बात के सबूत नहीं हैं कि मां के बीमार होने पर स्तनपान कराने से बच्चे की सेहत पर कोई असर होता है।

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