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इमरान खान की याचिकाओं पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट आज सुनाएगा फैसला, निचली अदालत के आदेश को दी है चुनौती

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दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट तोशखाना मामले में इमरान खान द्वारा दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा। पीटीआई प्रमुख ने तोशखाने मामले में अपने बचाव के लिए अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने गुरुवार को मामले में इमरान खान द्वारा दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

यह है पूरा मामला
पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने खान को झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य ठहराया। खान के खिलाफ 10 मई को आरोप तय किये गये थे। आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने कार्रवाई पर रोक लगा दी। अतिरिक्त जिला-सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने तोशाखाना मामले में आठ कानूनी सवालों को ध्यान में रखते हुए सात दिन में फिर से जांच करने का निर्देश दिया। हालांकि, जब सत्र न्यायाधीश ने मामले की दोबारा जांच की तो खान के वकील ख्वाजा हारिस लगातार तीसरी सुनवाई के लिए हाजिर ही नहीं हुए। नौ जुलाई को एडीएसजे दिलावर ने फैसला सुनाया कि मामला चलने योग्य है। रुकी हुई कार्रवाई शुरू करने के लिए गवाहों को बुलाया जाएगा। अधिवक्ता ने निंदा करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई जल्दबाजी में की जा रही है। यह न्यायपालिका में पूर्वाग्रह को दर्शाता है।

अब जानिए क्या है तोशाखाना मामला? 
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।

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