गोविंद निहलानी के धारावाहिक तमस में जुड़कर ऐतिहासिक कहानियों को फिल्माने की बारीकियां सीखने वाले देसाई ने धारावाहिक चाणक्य में कला निर्देशन का काम बीच से पकड़ा था। हिंदी सिनेमा के दर्शकों को उनका काम पहले पहल विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 1942 ए लव स्टोरी में भाया।
जाने-माने कला निर्देशक नितिन चंद्रकांत देसाई अब दुनिया में नहीं रहे, बुधवार को उनका शव फंदे से लटका मिला। उनकी कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खासे प्रभावित थे। तब देसाई का अपना स्टूडियो नहीं था और मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने देसाई से कहा था कि गुजरात आपका है। आइए, मैं आपको 500 एकड़ जमीन देता हूं और वहां स्टूडियो बनाइए।
यह वाकया साल 2003 का है। उस समय देसाई ने मुंबई में मोदी के स्वागत के लिए 80 फुट का कमल मंच तैयार किया था। जब मोदी ने मंच पर प्रवेश किया था, तब वह कमल आकार में खिल गया था और उसके बीच में मोदी थे। वह कमल मंच वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने तैयार कराया था। सेट पर चढ़ने से पहले मोदी ने देसाई को बुलाया और पूछा था कि सेट पर कैसे जा सकते है। तब देसाई ने उनको बताया था कि आपको कुछ नहीं करना है। बस सेट पर जाना है और अपनी शैली में भाषण देना है। मोदी जब स्टेज पर पहुंचे तो वह भाजपा के चुनाव चिह्न कमल मंच पर थे। उन्होंने देखा, सामने करीब ढाई लाख लोगों की भीड़ थी। उस समय मोदी ने कहा था कि मुझे देखने एक लाख लोग आए हैं, लेकिन नितिन देसाई का सेट देखने के लिए डेढ़ लाख लोग पहुंचे हैं।
तमस से सीखीं ऐतिहासिक कहानियों को फिल्माने की बारीकियां
गोविंद निहलानी के धारावाहिक तमस में जुड़कर ऐतिहासिक कहानियों को फिल्माने की बारीकियां सीखने वाले देसाई ने धारावाहिक चाणक्य में कला निर्देशन का काम बीच से पकड़ा था। हिंदी सिनेमा के दर्शकों को उनका काम पहले पहल विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 1942 ए लव स्टोरी में भाया। इसके बाद लगान, स्वदेस और देवदास जैसी फिल्मों ने उनकी समय के हिसाब से सेट बनाने की कला का नाम देश दुनिया में मशहूर कर दिया। हॉलीवुड फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ की मुंबई में हुई शूटिंग और केबीसी के सेट भी उन्होंने ही बनाए थे।
विश्वास नहीं हुआ मोदी ने किया फोन
एक स्थानीय चैनल को दिए साक्षात्कार में नितिन ने खुलासा किया था कि मोदी ने उन्हें फोन किया तो विश्वास ही नहीं हुआ था। उनकी मोदी से मुलाकात मुंबई के विले पारले में हुई थी। जहां 45 मिनट तक उनके साथ चर्चा की थी और अपने स्टूडियो का प्रजेंटेशन दिया था। इससे मोदी इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, हम 150 नहीं 500 एकड़ जमीन देते हैं।