प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर से मिली सीख के आधार पर, यह महत्वपूर्ण पहल की गई है। प्रोजेक्ट टाइगर की वजह से ही दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ अब भारत में पाए जाते हैं। साथ ही हम प्रोजेक्ट लॉयन और प्रोजेक्ट डॉल्फिन पर भी काम कर रहे हैं।’
चेन्नई में आयोजित हो रही पर्यावरण और जलवायु स्थिरता की मंत्री स्तर की बैठक को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हाल ही में इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस की शुरुआत की है। हमारी धरती को बचाने के लिए इन जानवरों का संरक्षण बेहद जरूरी है। प्रोजेक्ट टाइगर से मिली सीख के आधार पर, यह महत्वपूर्ण पहल की गई है। प्रोजेक्ट टाइगर की वजह से ही दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ अब भारत में पाए जाते हैं। साथ ही हम प्रोजेक्ट लॉयन और प्रोजेक्ट डॉल्फिन पर भी काम कर रहे हैं।
सौर ऊर्जा के मामले में भारत बहुत आगे
प्रधानमंत्री ने कहा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए अपने संबोधन में कहा कि ‘आज भारत स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक है। हम अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, सीडीआरआई और उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह सहित अपने गठबंधन के माध्यम से अपने सहयोगियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे। भारत जैव विविधता संरक्षण, सुरक्षा और उसके संवर्धन पर काम करने में लगातार अग्रणी रहा है।’
क्या है बिग कैट अलायंस
भारत सरकार ने 9 अप्रैल 2023 को कर्नाटक के मैसूर में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम के जरिए सरकार ने बाघ, शेर, तेंदुआ, बर्फ में रहने वाला तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा का संरक्षण करने की योजना बनाई है। हमारी धरती की बचाने के और प्राकृतिक संतुलन के लिए इन जानवरों का संरक्षण बेहद जरूरी है। इसी के तहत सरकार ने अफ्रीका से लाकर चीतों को देश में बसाने की पहल की है।