इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मीट की अवैध फैक्ट्री चलाने के आरोपी मेरठ के मोहम्मद फिरोज की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची की फैक्ट्री से भारी मात्रा में अवैध मीट बरामद हुआ है। वह मीट फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस भी नहीं दिखा सका। फैक्ट्री की बिल्डिंग को लेकर के भी विवाद अभी लंबित है । इसलिए याची को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने मेरठ के मोहम्मद फिरोज की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।
याची की अल फहीम मीटेक्स नीड्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री अलीपुर जाजमऊ हापुड़ रोड मेरठ में स्थित है। उसमें 31 मार्च 2022 को पशुधन विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग,प्रदूषण विभाग, मेरठ विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने छापा मारा। छापे के दौरान वहां से 6720 किलोग्राम कच्चा मांस व पैक मांस और फरमालीन के दो कंटेनर पाए गए। जांच पर फैक्ट्री संचालक लाइसेंस नहीं दिखा सका। इस पर याची सहित 13 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर के हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई।
याची की ओर से कहा गया कि उसकी बिल्डिंग को लेकर विकास प्राधिकरण में मामला चल रहा है। इससे पूर्व 2019 में उसकी फैक्ट्री का लाइसेंस रद किया गया था। इसके खिलाफ उसने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट के निर्देश पर याची ने विकास प्राधिकरण के समक्ष अर्जी प्रस्तुत की, जिसमें विकास प्राधिकरण का कहना था कि याची को लाइसेंस देने की आवश्यकता नहीं है। उसके पिता डिप्टी मेयर और पूर्व विधायक रहे हैं। वह प्रतिष्ठित परिवार का व्यक्ति है।