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बंगाल सरकार को हाईकोर्ट की फटकार- क्या अब अदालत को कराने पड़ेंगे चुनाव, पढ़िए पूरा मामला

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इसके अलावा जस्टिस अमृता सिन्हा ने झालदाय मतदान रद्द मामले में बीडीओ को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, पुनर्गणना में 319 मतपत्र रद्द हुए, यह खेल है या नहीं? क्या उस वक्त बीडीओ ने अपनी आंखें बंद कर ली थीं? अगर ऐसी गलती है तो फिर चुनाव का महत्व ही क्या है?

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। ठाकुरपुकुर-महेशतला मतगणना केंद्र से विपक्षी एजेंटों को बाहर निकालने का आरोप लगाते हुए मामला दायर किया गया था। मतगणना केंद्र में केंद्रीय बल नहीं होने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अमृता सिन्हा ने कहा, क्या इस बार कोर्ट का चुनाव होना है? क्या न्यायालय को अधिकारियों की नियुक्ति और चुनाव करना पड़ेगा?

इसके अलावा जस्टिस अमृता सिन्हा ने झालदाय मतदान रद्द मामले में बीडीओ को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, पुनर्गणना में 319 मतपत्र रद्द हुए, यह खेल है या नहीं? क्या उस वक्त बीडीओ ने अपनी आंखें बंद कर ली थीं? अगर ऐसी गलती है तो फिर चुनाव का महत्व ही क्या है? पुनर्मतगणना के लिए किसने दबाव डाला? तो इतनी जल्दी क्या है? पहली गिनती के दौरान किसी ने ध्यान नहीं दिया कि मतपत्रों पर हस्ताक्षर नहीं थे? अगली सुनवाई सात को होगी। ब्यूरो

केंद्रीय बल 10 दिन और राज्य में रुकेगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए बंगाल में तैनात किए गए केंद्रीय बलों को 10 दिन और वहीं ठहरने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस शिवगणनम की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि जहां भी राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को लगता है कि गड़बड़ी हो रही है, उनकी पहचान की जाएगी, ताकि शेष केंद्रीय बलों की तैनाती ऐसे स्थानों पर की जा सके और वे अगले 10 दिनों तक वहीं रहेंगे।

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