पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सब्जियों के दामों ने अचानक आसमान छू लिया। कीमतें 200 रुपये किलो तक पहुंच गईं। वहीं मंडी में सब्जियों की आवक बढ़ने के साथ ही टमाटर के दाम फिर से कम होने लगे हैं।
अब सब्जी में टमाटर के साथ तड़का लग सकेगा और थाली में भी सलाद सज सकेगा।। मंडियों में आवक बढ़ते ही टमाटर के साथ ही अन्य सब्जियों के दाम कम होने लगे हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान थोक में 200 रुपये किलो तक बिकने वाला टमाटर अब 30 रुपये किलो तक पहुंच गया है। मंडी में इसके सस्ता होते ही बाजार में भी जल्द ही यह सस्ते में उपलब्ध होगा। अन्य सब्जियों के दाम भी कम होने लगे हैं।
दरअसल, भारती बरसात और कांवड़ यात्रा के चलते मंडियों में टमाटर ही नहीं बल्कि अन्य सब्जियाें की आवक कम हो गई थी। हिमाचल में बारिश से इस बार टमाटर, गाेभी समेत अन्य सब्जियों की फसलें 70 प्रतिशत तक खराब हुई हैं। इस कारण पिछले 10 दिन तक मंडियों में हिमाचल के टमाटर की आवक बेहद कम रही। ऐसे में टमाटर के दाम 150 से 200 रुपये किलो तक पहुंच गए। अब कांवड़ यात्रा पूरी होने के बाद मार्ग खुले और हिमाचल के साथ ही बंगलुरू से टमाटर मंडी पहुंचने लगा है। इससे टमाटर के दाम कम हुए हैं।
मेरठ में नवीन सब्जी मंडी में रविवार को हिमाचल का टमाटर थोक में 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक बिका। वहीं, बंगलुरू से आने वाला टमाटर 80 से 100 रुपये किलो तक बिका। इसके अलावा मंडी में लौकी 18 रुपये किलो, बैंगन 20 रुपये प्रति किलो, भिंडी 30 रुपये किलो तक थोक भाव में बिकी।
सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान पदम सिंह सैनी, सरफराज अंसारी और गुलशन सेठी का कहना है कि हरी सब्जियों के दाम आवक पर आधारित होते हैं। रविवार से मंडी में सब्जियों की आवक बढ़ी है। हिमाचल का टमाटर बारिश में भीगा होने के कारण कमजोर हो गया है। यही कारण है कि यह टमाटर सस्ता है जबकि बंगलुरू का टमाटर महंगा है।
आगे और भी कम होंगे दाम
नवीन मंडी समिति के सचिव विजिन कुमार का कहना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान दस दिन तक आवक प्रभावित रही। अब सब्जियों की आवक बढ़ी है। इसलिए आने वाले दिनों में दाम कुछ और कम होंगे।