खाने-पीने की वस्तुओं, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में गिरावट से थोक महंगाई जून, 2023 में घटकर शून्य से 4.12 फीसदी नीचे आ गई। यह अक्तूबर, 2015 के बाद थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई का करीब 8 साल का निचला स्तर है। उस समय इसमें 4.76 फीसदी की गिरावट आई थी। वाणिज्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून लगातार तीसरा महीना है, जब थोक महंगाई शून्य से नीचे आ गई। इससे पहले यह मई, 2023 में (-)3.48 फीसदी और अप्रैल में (-)0.92 फीसदी रही थी। वहीं, जून, 2022 में यह महंगाई 16.23 फीसदी रही थी।
मंत्रालय ने कहा, खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस और कपड़ों की कीमतों में कमी से जून में थोक महंगाई में गिरावट आई है। इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में 1.24 फीसदी गिरावट रही। मई में यह (-)1.59 फीसदी रही थी। ईंधन एवं बिजली की महंगाई दर जून में घटकर (-)12.63 फीसदी रह गई, जबकि मई में यह (-)9.17 फीसदी रही थी। विनिर्मित उत्पादों की थोक महंगाई बढ़कर (-)2.71 फीसदी पहुंच गई, जबकि मई में यह (-)2.97 फीसदी रही थी।
ये वस्तुएं महंगी
अनाज, धान, गेहूं, दाल, प्याज, दूध, अंडा, मांस, मछली, तिलहन और तंबाकू आदि।