यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जेयूदी ने कहा कि नई दिल्ली के साथ तेल व्यापार 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। संयुक्त अरब अमीरात-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) विकास और अवसर के एक नए युग को आकार देने के लिए किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पेरिस से अबू धाबी पहुंचने वाले हैं। उससे कुछ घंटे पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि भारत के साथ उसकी आर्थिक साझेदारी दोनों देशों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जेयूदी ने कहा कि नई दिल्ली के साथ गैर-तेल व्यापार 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
एक इंटरव्यू में जेयूदी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) विकास और अवसर के एक नए युग को आकार देने के लिए किया गया था। सीईपीए भारत और यूएई के बीच 18 फरवरी, 2022 को हस्ताक्षरित एक समझौता है और यह 1 मई, 2022 को लागू हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत और यूएई के बीच सीईपीए की सफलता के बारे में बोलते हुए डॉ थानी अल जेयूदी ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यूएई-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को दोनों देशों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि यूएई-भार सीईपीए को इसलिए डिजाइन किया गया था ताकि 80 फीसदी वस्तुओं पर टैरिफ को हटाकर या कम करके, व्यापार के लिए अनावश्यक बाधाओं को समाप्त करके, निवेश के लिए नए प्लेटफॉर्म बनाकर, और एक-दूसरे के निजी क्षेत्र के लिए सरकारी खरीद को खोलकर 2030 तक द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक बढ़ाया जा सके, जिससे विकास और अवसर का एक नया युग बने।
भारत और यूएई के बीच सीईपीए के प्रमुख परिणामों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार प्रवाह में वृद्धि हुई है और सीईपीए ने पूर्व-पश्चिम आपूर्ति श्रृंखलाओं में काफी लचीलापन जोड़ा है और एक नया व्यापार गलियारा विकसित किया है जो एशिया को मध्य पूर्व और अफ्रीका से जोड़ता है। डॉ थानी अल जेयूदी ने आगे जोर देकर कहा कि वह खुदरा, उद्योग, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और रसद सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत में यूएई के निवेश के प्रभाव को देखने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि प्रमुख रसद प्रदाता इन मार्गों पर क्षमता बढ़ा रहे हैं, जिसमें भारत को संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से जोड़ने के लिए मार्सक की ‘शाहीन एक्सप्रेस’ का शुभारंभ शामिल है, जबकि सीलीड एक नए भारत-दुबई-पूर्व-अफ्रीका (आईडीईए) मार्ग की पेशकश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, हमने महत्वपूर्ण नए निवेश प्रवाह देखे हैं। भारत में मैं खुदरा, उद्योग, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और रसद जैसे विविध क्षेत्रों में संयुक्त अरब अमीरात के निवेश के प्रभाव को देखने में सक्षम रहा हूं। मैं गुजरात में 300 मेगावाट के हाइब्रिड संयंत्र सहित हमारी कुछ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर भी बहुत उत्साहित हूं, जिसमें एक अभिनव बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली शामिल है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मई 2023 को एक आधिकारिक बयान में कहा था कि पिछले एक वर्ष के दौरान सीईपीए ने यूएई के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार और विशेष रूप से यूएई को भारत के निर्यात पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक बढ़कर 84.5 अरब डॉलर हो गया है।