मिशन के तहत लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर 23 या 24 अगस्त को उतारा जा सकता है। इसमें मिली सफलता भारत को विश्व में चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति का रुतबा देगी। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर अपने यान की सॉफ्ट-लैंडिंग करा सके हैं।
चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण शुक्रवार को दोपहर ढाई बजे प्रस्तावित है। इस मिशन के तहत लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर 23 या 24 अगस्त को उतारा जा सकता है। प्रक्षेपण को लेकर मंगलवार को पूर्वाभ्यास किया गया। बृहस्पतिवार को उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर मिशन की तैयारी का विश्लेषण पूरा कर लिया गया है। इसरो के बोर्ड ने भी प्रक्षेपण की अनुमति दे दी है।चंद्रयान-3 के शुक्रवार को प्रस्तावित प्रक्षेपण के साथ भारत चंद्रमा की ओर तीसरी बार कदम बढ़ाएगा। इस मिशन के तहत लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर 23 या 24 अगस्त को उतारा जा सकता है। इसमें मिली सफलता भारत को विश्व में चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति का रुतबा देगी। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर अपने यान की सॉफ्ट-लैंडिंग करा सके हैं।
चंद्रयान-2 मिशन में लैंडर भी शामिल था
इस समय इसरो के वैज्ञानिक सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर सभी तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं। मंगलवार को प्रक्षेपण को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया। भारत इससे पहले चांद पर चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन में ऑर्बिटल मिशन भेज चुका है। चंद्रयान-2 मिशन में लैंडर भी शामिल था, जो चंद्रमा पर सुरक्षित उतरने में सफल नहीं हुआ था। इस बार चंद्रयान-3 मिशन में लैंडर विक्रम और इसके भीतर रोवर प्रज्ञान को चंद्रमा पर उतारा जा रहा है। यह 14 जुलाई को रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम 3) के जरिये पृथ्वी से प्रक्षेपित हो रहा है।