Search
Close this search box.

फडणवीस-पवार के साथ बैठक के बाद बोले सीएम शिंदे- जल्द होगा कैबिनेट विस्तार, उद्धव ठाकरे पर कसा तंज

Share:

अजित पवार के एनसीपी तोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद से महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि विभागों के बंटवारे को लेकर सरकार में शामिल तीनों दलों में खींचतान चल रही है।

महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर खींचतान जारी है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को भी दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ अपने आवास पर बैठक की। यह बैठक देर रात तक चली। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार रवाना हो गए। अजित के एनसीपी तोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद से महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के लिए कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि इसको लेकर सरकार में शामिल तीनों दलों में खींचतान चल रही है। विभागों के बंटवारे पर मंथन चल रहा है।

मंगलवार को दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद सीएम शिंदे ने कहा कि बहुत जल्द कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बैठक के विषय के संबंध में कोई और जानकारी साझा नहीं की। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए एनसीपी नेता अजित पवार अच्छे पोर्टफोलियो की मांग कर रहे हैं।

सीएम शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस पर शिवसेना (यूटीबी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि उद्धव ठाकरे साल 2019 में शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ दिया और कुर्सी के लालच में सब कुछ भूल गए। वो देवेंद्र फडणवीस के बारे में क्या बोल सकते हैं।

अदालत विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए समय सीमा नहीं तय कर सकती: नार्वेकर
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र फैसले के लिए शिवसेना (यूबीटी) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को कहा कि अदालत इस मामले पर निर्णय के लिए विधानसभा अध्यक्ष को समय सीमा नहीं बता सकती।

पिछले हफ्ते शिवसेना (यूबीटी) विधायक सुनील प्रभु ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर शीर्ष अदालत के 11 मई की व्यवस्था के बावजूद फैसले में जानबूझकर देरी कर रहे हैं। नार्वेकर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, अदालत विधानसभा अध्यक्ष को मामले पर निर्णय लेने के लिए समयसीमा नहीं बता सकती क्योंकि कानून और विधायिका हमारे लोकतंत्र के दो अलग-अलग निकाय हैं। अगर ऐसा होता भी है, तो मुझे इस आशय के नोटिस को स्वीकार न करने का अधिकार है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news