राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों को छात्रों के लिए उनके घरों जैसा सुरक्षित और संवेदनशील माहौल देने का प्रयास करना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को आगंतुक सम्मेलन (Visitors Conference) में अपने उद्घाटन भाषण में देश के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के मामलों पर चिंता व्यक्त की और इसे गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को अपने परिसरों में तनाव, अपमान या उपेक्षा के खिलाफ अपने छात्रों की रक्षा और समर्थन करना अपनी प्राथमिकता बनानी चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों को छात्रों के लिए उनके घरों जैसा सुरक्षित और तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
बीते शनिवार को आईआईटी दिल्ली में 20 वर्षीय बीटेक छात्र की आत्महत्या की घटना की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी दुखद घटनाएं कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हुई हैं। उन्होंने कहा, यह शिक्षा के क्षेत्र में सभी के लिए चिंता का विषय है। अपने परिसरों में तनाव, अपमान या उपेक्षा के खिलाफ अपने छात्रों की रक्षा और समर्थन करना शैक्षणिक संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। एक परिवार के समझदार और जिम्मेदार मुखिया के रूप में सभी संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों को छात्रों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आप (शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग) छात्रों के मार्गदर्शक और अभिभावक दोनों हैं। संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों का यह प्रयास होना चाहिए कि वे छात्रों को उनके घर जैसा सुरक्षित और संवेदनशील माहौल प्रदान करें। राष्ट्रपति ने कहा कि मौका मिलने पर हमारी बेटियां बेहतर प्रदर्शन करती हैं। प्रौद्योगिकी संस्थानों में लड़कियों की भागीदारी भी बढ़ रही है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में छात्राओं की उपस्थिति और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की कोशिश की जानी चाहिए।