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उच्च परिवहन लागत का असर, रूस से तेल खरीद पर फायदा घटकर चार डॉलर, पढ़ें अन्य खास खबरें

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परिवहन की ऊंची लागत के चलते रूस से खरीदे जा रहे कच्चे तेल पर भारत का फायदा घटकर 4 डॉलर बैरल पर आ गया है। पिछले साल मध्य में यह छूट 30 डॉलर प्रति बैरल थी। रूस से तेल के परिवहन के लिए जिन इकाइयों को नियुक्त किया गया है, वे भारत से सामान्य से काफी ज्यादा माल ढुलाई कीमत ले रही हैं जो 9 से 11 डॉलर प्रति बैरल है।

भारतीय रिफाइनरियों से रूस 60 डॉलर प्रति बैरल से भी कम कीमत ले रहा है लेकिन कुल लागत के साथ यह 70-75 डॉलर प्रति बैरल हो रही है। भारतीय रिफाइनरी रूस से कच्चे तेल की खरीद उसकी आपूर्ति किए जाने के आधार पर खरीदती हैं। इससे रूस को तेल के परिवहन और बीमा की व्यवस्था करनी पड़ती है।

60 फीसदी तेल सरकारी कंपनियां खरीद रहीं
यह छूट ऊंची रह सकती थी, यदि सरकारी कंपनियां इस बारे में सबके साथ मिलकर बातचीत करतीं। अभी रूस से प्रतिदिन 20 लाख बैरल कच्चा तेल आ रहा है जो कुल कच्चा तेल खरीद में 44% हिस्सा है। इसमें सरकारी कंपनियों का हिस्सा 60 फीसदी है।

उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि कल
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन करने की कल अंतिम तारीख है। श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ ने 26 जून को ज्यादा पेंशन के आवेदन की तारीख दूसरी बार 15 दिन बढ़ाकर 11 जुलाई कर दी थी। इससे पहले भी एक बार तारीख बढ़ाई गई थी।

धोखाधड़ी व जान बूझकर डिफॉल्ट करने वालों पर कार्रवाई करें बैंक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों को डूबे कर्ज (एनपीए) को कम करने के लिए धोखाधड़ी और जान बूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने को कहा है। सरकारी बैंकों से वृद्धि की रफ्तार को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को भी कहा है। बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल के दौरान 11.17 लाख करोड़ रुपये के एनपीए को बट्टे खाते में डाला है।

सरकारी बैंक प्रमुखों के साथ हालिया बैठक में वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से जोखिम प्रबंधन मजबूत करने और साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। बैंकों के लिए चिंता का कारण उच्च ब्याज से मार्जिन पर दबाव बढ़ना है।

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