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सौरव गांगुली के ‘महाराजा’ से ‘दादा’ बनने का सफर, भाई की वजह से पलट गई किस्मत

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बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिकेट के मैदान में झंडे गाड़ने वाले गांगुली का जन्म आज ही के दिन 1972 में चंडीदास और निरुपा गांगुली के घर हुआ था, उनके पिता का प्रिंट का व्यापार था और वह कोलकाता के कुछ रसूखदार परिवारों में से एक थे। सौरव शुरू से ही काफी संपन्न परिवार से थे लेकिन उनके पिता ने उन्हें इस बात का घमंड नहीं होने दिया।

सौरव गांगुली ने वैसे तो क्रिकेट में दादा के नाम से मशहूर हुए और अपने नेतृत्व क्षमता की बदौलत भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में शुमार हुए। हालांकि, गांगुली के लिए क्रिकेट के मैदान में पहुंचना इतना आसान नहीं था। ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं सौरव के बचपन से जुड़ी अनसुनी कहानियों के बारे में जिसने उन्हें क्रिकेटर बनाने में मुख्य भूमिका निभाई।

बाएं या दाएं हाथ के बल्लेबाज?

Sourav Ganguly Birthday Special: Ganguly Journey From 'Maharaja' To 'Dada' of Cricket, Some Interesting facts
फुटबॉल के लिए प्रसिद्द कोलकाता शहर में सौरव को क्रिकेट की लत उनके बड़े भाई स्नेहाशीष की वजह से लगी और यही कारण था कि उन्होंने अपने भाई की तरह ही दाएं हाथ की जगह बाएं हाथ से खेलना शुरू किया, जबकि गांगुली बचपन से दाएं हाथ से ही सब काम करते थे, लेकिन भाई के साथ अभ्यास करने और उसके जैसा खेलने के लिए उन्होंने अपने खेलने का तरीका बदल दिया।

सौरव उर्फ महाराज

Sourav Ganguly Birthday Special: Ganguly Journey From 'Maharaja' To 'Dada' of Cricket, Some Interesting facts
सौरव गांगुली को वैसे तो दुनियाभर में उनके फैंस भारतीय टीम के दादा के रूप में जानते हैं लेकिन काफी संपन्न घराने से होने की वजह से उनके पिता चंडीदास उन्हें महाराजा के नाम से बुलाते थे। बाद में इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर सर जेफ्री बॉयकॉट ने उन्हें प्रिंस ऑफ़ कोलकाता के नाम से नवाजा था।

क्रिकेटर भाई

Sourav Ganguly backs out, elder brother Snehasish set to lead Cricket  Association of Bengal | SportzPoint

सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष खुद एक क्रिकेटर थे और बंगाल की तरफ से रणजी और प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते थे। हालांकि वे राष्ट्रीय टीम से कभी नहीं खेल पाए लेकिन उनकी मदद से सौरव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेलते हुए आगे बढ़ते गए।

मां को नापसंद क्रिकेट

I am perfectly healthy: Sourav Ganguly's brother quells rumours of  contracting coronavirus | Cricket News - Times of India

फुटबॉल के लिए मशहूर कोलकाता शहर और एक बड़े व्यापारी खानदान से तालुक रखने वाले सौरव गांगुली की माँ निरुपा गांगुली नहीं चाहती थीं कि उनका बेटे किसी खेल को अपना प्रोफेशन बनाए। इस वजह से उन्हें सौरव का क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था। यहां तक कि सौरव के पिता चंडीदास भी क्रिकेट को नापसंद करते थे लेकिन बड़े भाई की वजह से उन्हें इसकी इजाजत मिल गई।

बचपन का प्यार

Sourav Ganguly's wife Dona reveals what the BCCI president is doing during  COVID-19 lockdown

सौरव गांगुली ने अपने बचपन के प्यार डोना गांगुली से 1997 में शादी की थी। डोना एक प्रशिक्षित प्रोफेशनल डांसर थीं और दोनों एक दूसरे को काफी अच्छी तरह से जानते थे। दोनों को बाद में एक बेटी हुई जिसका नाम सना रखा गया।

सौरव के नाम की सड़क

Sourav Ganguly reacts to reports of his participation in Legends Cricket  League | Cricket - Hindustan Times

कोलकाता में सौरव गांगुली की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके गृहनगर में एक आपर्टमेंट और डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

बीसीसीआई अध्यक्ष बने और फिर कोहली से विवाद

Sourav Ganguly Birthday Special: Ganguly Journey From 'Maharaja' To 'Dada' of Cricket, Some Interesting facts
क्रिकेट छोड़ने के बाद गांगुली कमेंट्री करते रहे और साथ क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल में भी अपना दायित्व निभाते रहे। साल 2019 के अक्तूबर में उन्हें बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया। फिर कोरोना का दौर आया और तब भी गांगुली के क्रिकेट को सुचारू रूप से चलाने की कोशिशों को सराहा गया। 2020 में आईपीएल यूएई में कराए गए।

हालांकि, इसके बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से उनका विवाद सामने आया, जब विराट के टी20 कप्तान से हटने के फैसले के बाद उन्हें वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया गया। दोनों में बयानबाजी का दौर भी चला। फिर 18 अक्तूबर 2022 को रोजर बिन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बने। गांगुली को इस पद से हटा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें दोबारा इस पद पर आने की इच्छा थी, लेकिन बीसीसीआई के दूसरे अधिकारी नहीं माने।

गांगुली का क्रिकेटिंग करियर

When Sourav Ganguly and other batting captains decided to take their  bowling seriously

गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय करियर में 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1996 में लॉर्ड्स टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। टेस्ट में गांगुली ने 42.18 की औसत से 7212 रन बनाए। इनमें 16 शतकर और 35 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में उनका उच्चतम स्कोर 239 रन है। वहीं, वनडे में गांगुली ने 40.73 की औसत से 11,363 रन बनाए। इनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं। वनडे में गांगुली का बेस्ट स्कोर 183 रन का है।

गांगुली ने आईपीएल में भी 59 मैच खेले। इनमें उनके नाम 25.45 की औसत और 106.81 के स्ट्राइक रेट से 1349 रन हैं। गांगुली ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट खेला था। इसके अलावा टेस्ट में उन्होंने 32 विकेट भी लिए। वहीं, वनडे में उनके नाम 100 विकेट हैं। टेस्ट में उनकी बेस्ट बॉलिंग 28 रन देकर तीन विकेट है, जबकि वनडे में बेस्ट बॉलिंग 16 रन देकर पांच विकेट है।

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