फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस भाषा सुंबली अपने हालिया बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। एक्ट्रेस ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में फैले नेपोटिज्म के मुद्दे पर खुलकर बात की है, साथ ही इसे बरकरार रखने वालों पर करारा प्रहार करती नजर आई हैं। भाषा ने बताया है कि कैसे उनकी जैसी प्रतिभाओं को खुद को साबित करने तक का मौका नहीं मिल पाता है।
एक इंटरव्यू में भाषा ने इंडस्ट्री में फैले भेदभाव पर खुलकर बात की। साथ ही उन्होंने नेपोटिज्म की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इंडस्ट्री के बेवकूफ लोग दूसरे बेवकूफ को बेहतर दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं। भाषा ने हिंदी में अपने संघर्ष को याद किया और कहा कि जब वह फिल्मों में नहीं थीं, तो वह मुंबई में थिएटर के अपने बैचमेट्स के साथ बैठती थीं और खुद को साबित करने के एक बड़े मौके पर चर्चा करती थीं।
भाषा सुंबली ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि ब्रेक मिलने और खुद को साबित करने के बाद भी प्रतिभाओं को इंडस्ट्री में काम नहीं मिलता है। भाषा ने बॉलीवुड निर्माताओं की मानसिकता को समझाते हुए कहा, ‘ये जो बेवकूफ बहुमत है, इनके साथ अगर टैलेंट रहे, तो वह चमक के निकल आएंगे। तो उन्हें सिंगल आउट करके, आइसोलेट करके, इनको काम नहीं देना, और इंडस्ट्री से बाहर करेंगे। इनके सामने हमारे लोग थोड़े बेहतर दिखे, तो हमें अपने बेवकूफ लोगों को बेहतर दिखाने के लिए बेवकूफ लोगों की जरूरत है।’
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भाषा सुंबली ने आगे कहा कि दर्शकों को कुछ चेहरे बार-बार देखने को मिलते हैं। उन्होंने इसे नेपोटिज्म का उदाहरण बताया और कहा कि यह मानदंड मुख्य कारण है कि कलाकार प्रतिभा में विश्वास खो देते हैं। एक्ट्रेस ने कहा, ‘आपको लगता है कि अगर इन लोगों को केवल आगे बढ़ना है, तो वास्तविक प्रतिभा के सामने आने के लिए कोई जगह नहीं है। अगर कुछ जगह है तो उन्हें वह जगह बनानी होगी, उदाहरण के लिए, इरफान खान।’
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में सुंबली ने अनुपम खेर की बहू शारदा पंडित का किरदार निभाया था। ऐसा कहा जाता है कि यह भूमिका गिरिजा टिक्कू की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है। विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी जैसे कलाकार हैं।