वैज्ञानिकों के अनुसार इस बढ़ती गर्मी के लिए अल-नीनो और बढ़ता उत्सर्जन जिम्मेवार है। इस सप्ताह से पहले अगस्त 2016 में अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया था। जब वैश्विक औसत तापमान 16.92 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। 2016 में भी अल-नीनो की घटना दर्ज की गई थी।
वैश्विक स्तर पर बढ़ता तापमान नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। जुलाई में अल-नीनो के आगाज के साथ ही बढ़ते तापमान ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इस बारे में अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रिडिक्शन (एनसीईपी) के आंकड़ों के मुताबिक 4 जुलाई, 2023 को अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया था। जब वैश्विक औसत तापमान 17.18 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। बढ़ते तापमान की यह प्रवत्ति पांच जुलाई 2023 को भी जारी रही। इससे पहले तीन जुलाई 2023 को औसत तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मतलब की जुलाई 2023 के शुरुआती सप्ताह में ही लगातार तीन दिनों से वैश्विक औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है।वैज्ञानिकों के अनुसार इस बढ़ती गर्मी के लिए अल-नीनो और बढ़ता उत्सर्जन जिम्मेवार है। इस सप्ताह से पहले अगस्त 2016 में अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया था। जब वैश्विक औसत तापमान 16.92 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। 2016 में भी अल-नीनो की घटना दर्ज की गई थी।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) चार जुलाई 2023 से भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल-नीनो की घटना के आगाज की घोषणा कर चुका है। ऐसे में वैश्विक स्तर पर वातावरण और समुद्र के औसत तापमान में होती वृद्धि के साथ लू, सूखे जैसी चरम मौसमी घटनाएं बढ़ेगी, जिनपर नजर रखने की जरूरत है। प्रमुख वैज्ञानिक रोबर्ट रोहडे ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि अगले छह सप्ताह में कुछ और गर्म दिन देख सकते हैं।