वैश्विक चुनौतियों के बीच बेहतर आर्थिक प्रबंधन से भारत अन्य देशों की तुलना में अधिक तेजी से सुधार की राह पर है। आपूर्ति पक्ष से जुड़े बुनियादी ढांचे में निवेश ने कई दशकों के मुकाबले लंबे समय के लिए भारत की सतत आर्थिक वृद्धि की संभावना को बढ़ा दिया है।
वित्त मंत्रालय की बृहस्पतिवार को जारी 2023 की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि को पहले के मुकाबले अधिक टिकाऊ तरीके से बरकरार रखने की स्थिति में है। इसके बावजूद हमें इन उपलब्धियों पर संतोष नहीं करना चाहिए और न ही कड़ी मेहनत और सतर्कता से हासिल की गई आर्थिक स्थिरता को कम होने देना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ वर्षों में भारतीय बैंकिंग और गैर-वित्तीय कॉरपोरेट क्षेत्रों में बहीखाते की दिक्कतों व वैश्विक चुनौतियों के बीच आर्थिक प्रबंधन शानदार रहा है। इसका वृहद आर्थिक स्थिरता बढ़ाने में बड़ा योगदान है। एजेंसी
सुझाव : शुल्क में कटौती करे सरकार
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सरकार महंगाई का दबाव कम करने के लिए शुल्कों में कटौती कर सकती है। कल्याणकारी कार्यों पर खर्च बढ़ा सकती है। इसके अलावा, सरकार अपने पूंजीगत खर्च के बढ़े प्रावधान को कायम रख सकती है, जिसकी वजह से आज निजी निवेश लाने में मदद मिल रही है।
संकेत…जो पेश कर रहे हैं मजबूत तस्वीर
- शहरी मांग मजबूत बनी हुई है। यूपीआई लेनदेन बढ़ रहा है।
- वाहनों की बिक्री व ईंधन खपत बढ़ी है।
- ग्रामीण मांग में सुधार हो रहा है।
- जीएसटी संग्रह लगातार बढ़ रहा है।
- विनिर्माण और सेवा पीएमआई में विस्तार हो रहा है।