एनसीपी नेता अजित पवार और पार्टी के आठ अन्य विधायकों के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर राज ठाकरे ने कहा कि राज्य में जो हुआ वह बहुत घृणित है। यह राज्य के मतदाताओं के अपमान है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य के सियासी घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है। पुणे में मीडिया से बात करते हुए मनसे प्रमुख ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे खुद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का हाथ हो सकता है।
साथ ही मनसे प्रमुख ने दावा किया कि हालिया घटनाक्रम के पीछे खुद शरद पवार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वाल्से-पाटिल और छगन भुजबल ऐसे नेता नहीं हैं, जो अजित पवार के साथ (अपने दम पर और वरिष्ठ पवार के आशीर्वाद के बिना) जाएंगे।
वहीं, एनसीपी के लोकसभा सांसद अमोल कोल्हे ने मंगलवार को कहा कि वह पार्टी के सियासी घटनाक्रम से बेचैन थे और पद छोड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात और अपने मन की बात कहने के बाद उन्होंने फैसला बदल लिया। पेशे से अभिनेता कोल्हे रविवार को एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार और आठ अन्य पार्टी विधायकों के शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में मौजूद थे, लेकिन बाद में उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि वह शरद पवार के साथ हैं।
मीडिया से बात करते हुए कोल्हे ने कहा कि एनसीपी में विद्रोह के बाद वह बहुत असहज महसूस कर रहे थे और उन्होंने सांसद पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त करने के लिए पवार से मुलाकात की। पुणे जिले के शिरूर से लोकसभा सांसद ने कहा कि लेकिन पवार साहब ने मुझसे कहा कि एनसीपी में चल रहे घटनाक्रम को लेकर बेचैनी सिर्फ मेरे मन में नहीं है, बल्कि राज्य के युवाओं और मतदाताओं के मन में भी है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान शरद पवार ने सलाह दी कि हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए राज्य का दौरा करने की जरूरत है। शिरूर के मतदाताओं ने आपको पांच साल के लिए जनादेश दिया है, जिसमें से अब आठ से दस महीने बचे हैं। क्षेत्र के विकास के सपने को पूरा करना आपका कर्तव्य है।
राजनीतिक घटनाक्रम पर शिवसेना की कोर कमेटी की बैठक
वहीं, महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए मंगलवार की रात सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की कोर समिति की मुंबई में बैठक हुई। पार्टी के सूत्र ने बताया कि यह बैठक स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के आधिकारिक आवास पर हुई। एनसीपी नेता अजित पवार के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद बैठक बुलाई गई। सूत्रों ने कहा कि बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में शामिल करके भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि शिवसेना उसके लिए जरूरी नहीं है।