पिछले सप्ताह मॉस्को को हिलाकर रख देने वाले अल्पकालिक सशस्त्र विद्रोह के बाद एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में पुतिन की यह पहली भागीदारी होगी। साथ ही भारत की अध्यक्षता में एससीओ का शिखर सम्मेलन, समूह के नए स्थायी सदस्य के रूप में ईरान का स्वागत करने के लिए भी तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार यानी आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधि इसमें भाग लेंगे।
इन मुद्दों पर चर्चा संभव
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग, संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में स्थायी सदस्य बने। भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था और आम तौर पर समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया था, जो मुख्य रूप से यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित था।