प्रफुल्ल और अजित गुट ने अपनी नई टीम बना ली है। इस गुट ने शरद गुट के नेता जयंत पाटिल को महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर सुनील तटकरे को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। अनिल पाटिल को व्हिप की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने अजित के साथ गए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास किया।
महाराष्ट्र में बगावत के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर कब्जे की जंग शुरू हो गई है। महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बागी अजित पवार का साथ देने वाले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सांसद सुनील तटकरे समेत छह नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में निकाल दिया है।
प्रफुल्ल बोले-शरद के फैसले पार्टी के नहीं…अजित विधानमंडल दल के नेता
शरद गुट की कार्रवाई के बाद प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनसीपी पर अपना दावा ठोका। उन्होंने कहा, शरद पवार के फैसले पार्टी के निर्णय नहीं है। अजित पवार एनसीपी के विधानमंडल दल के नेता रहेंगे। हम शरद पवार से आग्रह करते हैं कि वह हमें अपना आशीर्वाद दें, क्योंकि वह हमारे गुरु हैं। प्रफुल्ल ने प्रदेश एनसीपी अध्यक्ष पद से जयंत पाटिल को हटाने व तटकरे की नियुक्ति का एलान किया। उन्होंने कहा, तटकरे ही अब राज्य में हर नियुक्ति करेंगे। किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने का फैसला पार्टी या चुनाव आयोग नहीं कर सकता। यह काम सिर्फ विधानसभा स्पीकर कर सकता है।
अजित मतलब एनसीपी नहीं सिखाऊंगा सबक : शरद
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बगावत के अगले ही दिन सातारा में शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने दो टूक कहा कि अजित पवार मतलब एनसीपी नहीं है। पार्टी तोड़ने वालों को सबक सिखाऊंगा। पवार ने कहा, मेरी लड़ाई आज से शुरू हुई है। भाजपा देश में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। जहां सरकारें लोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही हैं, उन्हें अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा। अजित की बगावत को उनका आशीर्वाद होने का दावा करने पर शरद ने कहा, केवल तुच्छ और मंदबुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं। बगावत को मेरा आशीर्वाद नहीं है। हम लोग संघर्ष करेंगे और फिर से पार्टी को खड़ा करेंगे।