सरकार ने पवन हंस के रणनीतिक विनिवेश का फैसला रद्द किया। वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। पिछले साल आर्थिक मामलों पर कैबिनेट की समिति (सीसीईए) की ओर से सशक्त वैकल्पिक तंत्र ने शुक्रवार को पवन हंस में भारत सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने और प्रशासन नियंत्रण के स्थानांतरण के लिए स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की सबसे ऊंची बोली को अनुमति दी थी।
बीते कई वर्षों से गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही कंपनी
सरकारी हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस ने बीते कुछ वर्षों में गंभीर वित्तीय संकट का सामना किया है। यह देश की इकलौती सरकारी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है। तीन दशक से भी अधिक पुरानी इस कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 में लगभग 69 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद साल 2019-20 में भी कंपनी को लगभग 28 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था। इसी के चलते सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था। हालांकि अब सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है और विनिवेश का फैसला फिलहाल खटाई में पड़ गया है।