आईसीएमआर ने जानकारी दी है कि देश में करीब 26.50 करोड़ स्कूली बच्चे हैं। अधिकांश बच्चे दांतों की बीमारियों को लेकर पीड़ित हैं जबकि इन बीमारियों से उन्हें बचाया जा सकता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश के 26 करोड़ से ज्यादा स्कूली बच्चों में दंत रोगों को लेकर एक अध्ययन करने का फैसला लिया है जिसके लिए वैज्ञानिकों की एक टीम बनाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस शोध में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शामिल करने के लिए आईसीएमआर ने देश के अन्य शोध संस्थानों से भी सहायता मांगी है। आईसीएमआर ने जानकारी दी है कि देश में करीब 26.50 करोड़ स्कूली बच्चे हैं। अधिकांश बच्चे दांतों की बीमारियों को लेकर पीड़ित हैं जबकि इन बीमारियों से उन्हें बचाया जा सकता है। मौजूदा समय में पारंपरिक तौर पर स्कूलों में बच्चों को दांतों की सफाई रखने का पाठ पढ़ाया जाता है लेकिन वैज्ञानिक नीति के आधार पर इसे कैसे अभिभावक और बच्चों तक पहुंचा सकते हैं? इस पर अब तक शोध नहीं हुआ है। इसी तरह, स्कूल-आधारित मौखिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में विशेषतौर पर ब्रश करने की शिक्षा देने में काफी कमी देखी जा रही है। बच्चों में डीएमएफटी (रोगग्रस्त, सड़न और दांतों का गिरना) जैसी स्थिति काफी तेजी से बढ़ रही है।
