सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की सांविधानिक पीठ बनाई है जो चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में 12 जुलाई से चार मामले सुनेगी। इसमें जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मित्थल, जस्टिस मनोज मिश्र शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट 42 दिन के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सोमवार से खुलेगा। इस दौरान मणिपुर हिंसा और अतीक अहमद व अशरफ की हत्या की न्यायिक जांच के लिए उनकी बहन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई शुरू हो सकती है। साथ ही समलैंगिक विवाह सहित कई अहम मामलों में निर्णय आ सकते हैं।इससे पहले ग्रीष्म अवकाशकालीन बेंच ने 2,000 से अधिक मामले सुने और 700 मामलों का निस्तारण किया। वहीं, 16 जून को जस्टिस केएम जोसेफ, 17 जून को जस्टिस अजय रस्तोगी और 29 जून को जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन सेवानिवृत्त हुए। सुप्रीम कोर्ट में जजों के 34 पद स्वीकृत हैं, इनकी संख्या 31 रह गई है। जस्टिस जोसेफ और जस्टिस रस्तोगी पांच सदस्यीय कॉलेजियम के भी सदस्य थे। इनकी जगह कॉलेजियम के मुखिया चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस सूर्यकांत को शामिल किया है।आठ जुलाई को जस्टिस कृष्ण मुरारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इस तरह अब कॉलेजियम को जजों के खाली पदों पर जल्द तैनाती करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने नया रोस्टर भी बनाया, जिसमें नए मामले सुनने के लिए 15 बेंच बनाई हैं। चीफ जस्टिस व दो वरिष्ठतम जजों की तीन अदालतें जनहित याचिकाएं सुनेंगी।