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जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार खोलने की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुंचे भाजपा नेता, याचिका में बताया यह कारण

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भाजपा नेता के साथ-साथ कांग्रेस ने भी रत्न भंडार खोलने की इच्छा जाहिर की है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि आखिर क्यों राज्य सरकार मंदिर के खजाने को खोलने में आनाकानी कर रही है। इसे खोला जाना चाहिए, जिससे लोगों को पता चले कि भगवान के आभूषण सुरक्षित हैं।

ओडिशा हाईकोर्ट में भाजपा नेता ने जगन्नाथ मंदिर के संबंध में एक याचिका लगाई है। उन्होंने जगन्नाथ मंदिर स्थित रत्न भंडार को खोलने के लिए उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की है। रत्न भंडार खोलने की मांग को लेकर भाजपा सहित कांग्रेस और अन्य दल एक मत हो गए हैं।

यह है पूरा मामला
ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर के रत्न भंडार को खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। मंदिर के खजाने की जर्जर हालात पर गजपति महाराज दिब्य सिंह और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने भी चिंता जाहिर की थी। भाजपा नेता ने मंदिर के रत्न भंडार को खोलकर आवश्यक मरम्मत कराने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भंडार में संग्रहित देवताओं के आभूषणों की एक नई सूची बनाने के लिए पटनायक सरकार को निर्देश दें।

मोहंती ने बताया कि आखिरी सूची 1978 में बनाई गई थी। जबकि, मंदिर अधिनियम 1954 के अनुसार, हर तीन साल में एक बार इस अभ्यास को दोहराना चाहिए। चाबी खोेने के मामले में उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है।

कांग्रेस ने भी की भंडार खोलने की पैरवी 
भाजपा नेता के साथ-साथ कांग्रेस ने भी रत्न भंडार खोलने की इच्छा जाहिर की है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि आखिर क्यों राज्य सरकार मंदिर के खजाने को खोलने में आनाकानी कर रही है। इसे खोला जाना चाहिए, जिससे लोगों को पता चले कि भगवान के आभूषण सुरक्षित हैं। भाजपा-कांग्रेस के अलावा पुरी के गजपति महाराज दिब्य सिंह, मंदिर के सेवकों-पुजारियों, श्री जगन्नाथ सेना सहित अन्य राजनीतिक दलों ने भी रत्न भंडार जल्द से जल्द खोलकर इसकी मरम्मत के और एक नई सूची बनाने की पैरवी की है।

महाराज और एएसआई ने भी जाहिर की जर्जर स्थिति की आशंका
हाल ही में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गजपति महाराज ने कहा था कि रत्न भंडार की स्थिति खराब हो चुकी है। भीतरी दीवारों में दरारें आ गई है। दीवारों में बारिश का पानी रिस रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर अधिनियम के तहत समय-समय पर रत्न भंडार में रखे जेवरों की सूची बनाई जानी चाहिए। मुझे समझ नहीं आता क्यों सरकार इसमें आना-कानी कर रही है। पहले भी हम कई बार भंडार खोलने के लिए कहा चुके हैं, लेकिन इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया। 2018 में आखिरी बार एएसआई की 16 सदस्यीय टीम बाहरी कक्ष में गई थी। हालांकि, चाबी गायब हो जाने के कारण वे अंदर नहीं जा पाए। बाहर से ही स्थिति का जायजा लगाते हुए उन्होंने इसके कमजोर हालत की आशंका जाहिर की थी।

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