गाम्बिया सरकार ने भारत को जानकारी दी है कि एक जुलाई से अब उनका नियामक संगठन भारत में दवाओं की जांच करेगा। भारतीय दवाओं की पहले जांच होगी। इसके बाद उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिसे गाम्बिया पोर्ट पर देखने के बाद ही उन दवाओं को प्रवेश मिलेगा।
घटिया दवाओं के खिलाफ जारी राष्ट्रीय अभियान के आंकड़ों ने सरकार को हैरान कर दिया है। राज्यों से एकत्रित जानकारी में पता चला है कि बीते चार साल में 78 कंपनियां ऐसी हैं जिन्हें 20 से भी ज्यादा बार नोटिस दिए गए। इन कंपनियों के यहां जब फिर से केंद्रीय टीमें पहुंची तो हालात में कोई बदलाव नहीं मिला, जिसके बाद मंत्रालय ने 16 कंपनियों के खिलाफ उत्पादन बंद करने का आदेश दिया है। इनके अलावा दो कंपनियों के लाइसेंस निरस्त करने का आदेश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले दस्तावेजों के अनुसार, इसी साल जनवरी से सभी राज्यों में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर राष्ट्रीय अभियान जारी है। अब तक एकत्रित डाटा बताता है कि 21 राज्य में 209 कंपनियों ने बीते चार साल में सरकारी नोटिस पर ध्यान नहीं दिया। 78 कंपनियों को 20 से ज्यादा बार नोटिस दिए गए। इसी तरह 44 कंपनियों को 15 से 20 और 12 को 10 से 15 बार नोटिस जारी किए गए। केंद्रीय टीमें इन कंपनियों की फैक्टरियों में पहुंची तो एक या दो नहीं बल्कि 20 से 30 खामियां मिली हैं।एक जुलाई से भारत में हम करेंगे जांच : गाम्बिया
गाम्बिया सरकार ने भारत को जानकारी दी है कि एक जुलाई से अब उनका नियामक संगठन भारत में दवाओं की जांच करेगा। भारतीय दवाओं की पहले जांच होगी। इसके बाद उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिसे गाम्बिया पोर्ट पर देखने के बाद ही उन दवाओं को प्रवेश मिलेगा। यह प्रमाण पत्र फिजिकल वेरिफिकेशन के आधार पर होगा जिसका खर्चा संबंधित फार्मा कंपनी वहन करेगी