प्रयागराज में जुमे के दिन हिंसा के मामले में वीडियो व सर्विलांस कैमरों की फुटेज से जो तस्वीरें पुलिस को मिली हैं, वह घटना की भयावहता बयां कर रही हैं। इनमें दिख रहा है कि उपद्रवी किस कदर पुलिस पर हमलावर थे। फुटेज में किसी के हाथ में पत्थर दिख रहा है तो कोई डंडे लिए नजर आ रहा है। कुछ युवक डंडों व ईंट-पत्थरों से वाहनों में तोड़फोड़ करते भी दिख रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि इन सभी को चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है।
बुधवार को वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस की ओर से जो पोस्टर जारी किए गए, उनमें दिख रहे दृश्यों देखने से पता चलता है कि हमलावर कितने उग्र हो गए थे। ज्यादातर हाथों में पत्थर लिए हुए थे तो कई ऐसे भी थे जिन्होंने डंडे थाम रखे थे। कई तो ऐसे हैं जिनकी तस्वीरें पत्थर फेंकते हुए भी कैद हुई हैं।
कुछ शौकत अली रोड पर खड़े वाहनों में तोड़फोड़ करते भी नजर आए हैं। शौकत अली रोड से लेकर नूरुल्लाह रोड तक हर तरफ उपद्रवियों की भीड़ थी। यही नहीं शौकत अली रोड से रोशनबाग और करेली की ओर जाने वाली गलियों में भी बड़ी संख्या में उपद्रवी जमा थे।
बाइक-स्कूटी से भागे हमलावर
पुलिस ने जो पोस्टर जारी किए हैं, उनको देखकर यह भी पता चलता है कि उपद्रव के बाद हमलावर बाइक और स्कूटी पर बैठकर मौके से भागे।
कई ऐसे फुटेज पुलिस को मिले हैं जिनमें उपद्रवी युवक बाइक व स्कूटी पर सवार नजर आए हैं। अफसरों का कहना है कि फुटेज में कुछ के वाहनों के नंबर भी दिख रहे हैं। नंबरों के जरिये उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
कई बाहरी भी थे, नहीं पहना था नकाब
पुलिस अफसरों का यह भी कहना है कि पहले ही माना जा रहा था कि बवाल में बाहरी युवक भी शामिल थे। वीडियो फुटेज से मिली तस्वीरें सामने आने के बाद इस बात पर मुहर भी लग गई है।
दरअसल तस्वीरों में कई उपद्रवी चेहरों पर नकाब बांधे दिख रहे हैं। लेकिन कई ऐसे भी थे, जिनके चेहरे खुले हुए थे। यानी साफ है कि उन्हें खुद के पहचाने जाने का डर नहीं था। एक अफसर ने बताया कि युवक बाहरी थे, इस बात का पता इसी से चलता है कि उन्हें अपनी पहचान होने का डर नहीं था।
अगर वह स्थानीय होते तो उन्होंने अपना चेहरा जरूर ढंका होता। आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी व सर्विलांस कैमरों से यह जानकारी जुटाई जा रही है कि बाइक व स्कूटी पर सवार उपद्रवी किन रास्तों से और किधर की ओर भागे। उन्हें ट्रेस किया जा रहा है।