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जानिए क्या है यासीन मलिक की पत्नी का ‘अमरनाथ टेरर प्लान’, कश्मीर घाटी में फैलाना चाहते थे दहशत

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एसआईए की बड़ी छापेमारी में मुशाल मलिक और आईएसआई के नापाक इरादों का भंडाफोड़ हुआ। फिलहाल इस मामले में जांच एजेंसियों को छापेमारी में और भी कई अहम सबूत हाथ लगे हैं। कश्मीर में एसआईए के छापे में मुशाल के ‘अमरनाथ टेरर प्लान’ को लेकर अहम इनपुट मिले हैं।

आतंकी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन ने एक बार फिर घाटी में आतंकी साजिश को अंजाम देने की बड़ी रणनीति बनाई है। इस बार मुशाल ने इस्लामाबाद से घाटी में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा में आतंकी साजिश को बढ़ावा देने के लिए पीओके के मुजफ्फराबाद से सीधा कनेक्ट किया है। मुशाल और आईएसआई की पहल पर मुजफ्फराबाद में घाटी में आतंकियों के ‘हाइब्रिड मॉडल स्लीपर सेल’ को बड़ी घटना के लिए तैयार भी कर दिया था। लेकिन एसआईए की बड़ी छापेमारी में मुशाल मलिक और आईएसआई के नापाक इरादों का भंडाफोड़ हो गया। फिलहाल इस मामले में जांच एजेंसियों को छापेमारी में और भी कई अहम सबूत हाथ लगे हैं।

एसआईए ने चार जिलों में की थी छापेमारी…
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमरनाथ यात्रा से पहले ही पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे आतंकी संगठनों के आकाओं ने माहौल बिगाड़ने की पूरी तैयारियां शुरू कर दी थीं। दरअसल पीओके के मुजफ्फराबाद में आतंकी संगठनों के लिए अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमले और साइबर अटैक के माध्यम से माहौल बिगाड़ने की साजिश थी। खुफिया सूचना के आधार पर ही कश्मीर घाटी के चार जिले श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा और कुपवाड़ा में छह स्थानों पर एसआईए ने तलाशी ली थी। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दौरान उनको जो दस्तावेज मिले हैं उसमें आईएसआई, पीओके में बैठे कुछ आतंकी संगठन और यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक के घाटी में आतंक फैलाने में संलिप्त होने के पुख्ता सबूत मिले हैं।

छापेमारी के बाद ही साजिश का बड़ा भंडाफोड़…
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दरअसल मई के अंतिम सप्ताह में आईएसआई की ओर से इस्लामाबाद में मुशाल मलिक को घाटी में अस्थिरता फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर माहौल बनाने के लिए कहा गया। इसके साथ ही पीओके में आतंकी संगठनों के आकाओं को घाटी के हाइब्रिड मॉडल स्लीपर सेल को आईईडी और तमाम अन्य घातक हथियार उपलब्ध करवाने की तैयारी करने लगे। सूत्र के मुताबिक इस पूरे मामले की घाटी के कुछ अलगाववादी नेता और आतंकियों के बीच में लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से कई तरह के संदेशों का आदान-प्रदान भी हुआ। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस दौरान मुशाल ने घाटी में स्लीपर सेल को सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के विरोध में माहौल बनाने के लिए प्रेरित किया

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