नागपुर पूर्व के विधायक कृष्णा खोपड़े ने कहा, राज्य के गृह विभाग ने 16 जून को एक अधिसूचना जारी की है जिसमें यह भी बताया गया था कि नाम परिवर्तन के लिए गृह मंत्रालय से 23 मई को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ था।
गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु कर दिया था। इसके अलावा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम भी बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में न्हावा शेवा अटल सेतु कर दिया गया था। पिछले महीने वीर सावरकर जयंती के दिन महाराष्ट्र सरकार ने इसे लेकर फैसला लिया था।
वहीं, फरवरी में औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलने को मंजूरी दी गई थी। अब औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा। औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।