भारत को 12 जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। इसके लिए टीम का एलान कर दिया गया है। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियशिप के नए साइकिल में खेलने उतरेगी। वहीं, 18 महीने बाद टीम में वापसी करने वाले अजिंक्य रहाणे को उपकप्तान बनाया गया है। रहाणे को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन का इनाम मिला। हालांकि, भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इस फैसले से हैरान हैं। उन्होंने चयनकर्ताओं के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और साथ ही चयन प्रक्रिया में “स्थिरता और निरंतरता” की मांग की है।
रहाणे से डेढ़ साल पहले छीनी गई थी उपकप्तानी
जडेजा को उपकप्तानी का दावेदार मानते हैं गांगुली
यह पूछे जाने पर कि क्या इस भूमिका के लिए शुभमन गिल जैसे किसी खिलाड़ी को तैयार करने का सही वक्त नहीं था? इसके जवाब में गांगुली ने कहा- हां, मुझे ऐसा लगता है। हालांकि, गांगुली ने न ही रहाणे के फैसले को खराब बताया, न ही इसे अच्छा बताया है। उन्होंने कहा- मैं यह नहीं कहूंगा कि बीसीसीआई ने एक कदम पीछे लिया है। आप 18 महीने तक टीम से बाहर रहे हैं, फिर आप एक टेस्ट खेलते हैं और आप उपकप्तान बन जाते हैं। मुझे इसके पीछे की विचार प्रक्रिया समझ में नहीं आती है। रवींद्र जडेजा हैं, वह लंबे समय से टीम के साथ हैं और टेस्ट मैचों में उनका खेलना निश्चित है। वह एक मजबूत दावेदार हैं।
पुजारा को लेकर यह बोले गांगुली
गांगुली ने कहा, “चयनकर्ताओं को पुजारा के बारे में स्पष्ट विचार रखना चाहिए। क्या चयनकर्ता चाहते हैं कि पुजारा फिर से कभी टेस्ट खेलें या वह युवाओं के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। इस बारे में पुजारा से स्पष्ट बातचीत होनी चाहिए। पुजारा जैसे खिलाड़ी के साथ यह खेल नहीं किया जा सकता कि उन्हें चुना, फिर ड्रॉप किया, फिर चुना और फिर ड्रॉप किया। अजिंक्य रहाणे के साथ भी ऐसा ही है।