पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख के सामने यह बात जोर देकर रखी गई है कि अमेरिका को ऐसे बयान जारी करने से परहेज करना चाहिए जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बेबुनियाद और राजनीतिक रूप से प्रेरित एजेंडे को बढ़ावा देते हों।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के अवसर पर दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान पर विरोध जताने के लिए पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख को सोमवार को तलब किया। इस संयुक्त बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए न करने दे। यह संयुक्त बयान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन की मुलाकात के बाद जारी किया गया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख के सामने यह बात जोर देकर रखी गई है कि अमेरिका को ऐसे बयान जारी करने से परहेज करना चाहिए जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बेबुनियाद और राजनीतिक रूप से प्रेरित एजेंडे को बढ़ावा देते हों। इस बात पर भी जोर दिया गया कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान और अमेरिका का सहयोग आगे बढ़ रहा है और दोनों देशों के संबंध और मजबूत होने के लिए विश्वास भरा माहौल बनाना जरूरी है।
मामले में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैट मिलर ने कहा कि यह बात सच है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन वाशिंगटन ने इसे लेकर और अधिक कदम उठाए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद सहित सभी आतंकी समूहों को जड़ से खत्म करने के लिए जरूरी और सख्त कदम उठाता रहे। अमेरिका अपने इस रुख पर भी लगातार कायम रहे हैं। हम इस मुद्दे को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ नियमित रूप से उठाते रहेंगे।