वित्त मंत्रालय के मुताबिक इस सिंडिकेट ने 569 फर्जी फर्मों का संचालन कर 1047 करोड़ रुपये के फर्जी टैक्स क्रेडिट पारित किये थे। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की जयपुर जोनल यूनिट ने दिल्ली से बाहर 14 राज्यों में संचालित इस बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है।
जीएसटी खुफिया अधिकारियों ने फर्जी फर्मों के जरिये विभाग को चपत लगाने वाले सिंडिकेट का पर्दाफाश कर उसके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है।वित्त मंत्रालय के मुताबिक इस सिंडिकेट ने 569 फर्जी फर्मों का संचालन कर 1047 करोड़ रुपये के फर्जी टैक्स क्रेडिट पारित किये थे। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की जयपुर जोनल यूनिट ने दिल्ली से बाहर 14 राज्यों में संचालित इस बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। वित्तमंत्रालय के मुताबिक दिल्ली के ऋषभ जैन (30) ने इन फर्जी फर्मों के संचालन के लिए 10 कर्मचारियों को काम पर रखा था। व्यापक रेकी और डाटा विश्लेषण के बाद, डीजीजीआई जयपुर के अधिकारियों ने दिल्ली में इस मास्टरमाइंड का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
एचएसबीसी पर 15 लाख का जुर्माना
लापरवाही और खराब सेवाओं को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने हांगकांग और शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएसबीसी) पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने यह फैसला शिकायतकर्ताओं की ओर से दायर उस याचिका पर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि उनके संयुक्त बचत बैंक खाते को बैंक ने अवैध रूप से फ्रीज कर दिया, जिससे एटीएम से राशि की निकासी बंद हो गई और चेक बाउंस हो गए। आयोग के पीठासीन सदस्य इंदर जीत सिंह ने अपने आदेश में कहा, खाते में पर्याप्त शेष होने के बावजूद चेक बाउंस के कारण शिकायतकर्ताओं को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न से गुजरना पड़ा। इसकी प्रतिपूर्ति के लिए एचएसबीसी को लापरवाही और खराब सेवा के लिए 15 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। एजेंसी