अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक और भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच जीई 414 फाइटर जेट इंजन भारत में बनाने पर हुए समझौते पर अजय कुमार ने कहा कि भारत विमानों के इंजन निर्माण में पीछे रहा है, लेकिन ताजा समझौता इस क्षेत्र के विकास में मदद करेगा।
पीएम मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान हुए रक्षा समझौते को देश के पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार ने ऐतिहासिक बताया है। कहा, अमेरिका 31 एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन बेचने के साथ इन्हें भारत में ही असेंबल करने और एक पूरी एमआरओ हब बनाने के लिए भी राजी है। इससे यह ड्रोन उपयोग कर रहे कई देशों के सामने इनके रखरखाव, रिपेयर व ओवरहॉल (एमआरओ) के लिए भारत एक मजबूत विकल्प बन सकता है।अजय कुमार ने कहा कि आमतौर पर अमेरिका जब किसी देश को उन्नत तकनीक व उपकरण बेचता है तो देश के बाहर रखरखाव आदि के लिए राजी नहीं होता, लेकिन भारत ने उसे ऐसा करने पर राजी कर लिया है। इसके मायने हैं कि इन ड्रोन का रखरखाव हमेशा भारत में हो सकेगा। यह भी उम्मीद की जा सकती है कि यही ड्रोन उपयोग कर रहे ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन आदि को भविष्य में इनका रखरखाव भारत से करवाने का विकल्प मिलेगा।
जीई414 पर समझौते से भी फायदा
अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक और भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच जीई 414 फाइटर जेट इंजन भारत में बनाने पर हुए समझौते पर अजय कुमार ने कहा कि भारत विमानों के इंजन निर्माण में पीछे रहा है, लेकिन ताजा समझौता इस क्षेत्र के विकास में मदद करेगा। स्वदेशी जेट इंजन विकसित करने का लक्ष्य हासिल करने में भी देश को इस समझौते से मदद मिलेगी।