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H-1B वीजा क्या है जिस पर PM के एलान से रीगन सेंटर में गूंज उठी तालियां, जानें इससे जुड़ी हर बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन स्थित रीगन सेंटर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए भारत की उपलब्धियों को गिनाया। पीएम मोदी ने कहा कि यह फैसला लिया गया है कि एच-1बी वीजा को रिन्यू करने के लिए आपको अमेरिका से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अमेरिका में रहते हुए ही अब एच-1बी वीजा रिन्यू हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस साल सिएटल में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलने जा रहा है। इसके अलावा अमेरिका के दो और शहरों में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाएंगे। पीएम मोदी के इस एलान के बाद रोनाल्ड रीगन सेंट में तालियां गूंज उठीं।

एच-1बी वीजा का नवीकरण अब अमेरिका मे रहते हुए ही किया जा सकेगा

भारतीय प्रधानमंत्री ने एच-1बी वीजा पर जो एलान किया है उसका प्रभाव में आना अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के लिए बड़ी राहत होगी। दरअसल एच-1बी वीजा पर नए अमेरिकी नियकों के हिसाब से अब वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए अमेरिका से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। पीएम ने कहा, ‘अब यह निर्णय लिया गया है कि एच-1बी वीजा नवीनीकरण अमेरिका में ही किया जा सकता है।’ अमेरिकी सरकार के इस फैसले से भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना पहले की तुलना में आसान हो जाएगा। यही कारण है कि पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद रीगन सेंटर में मौजूद लोग खुशी से झूम उठे।

क्या है एच-1बी वीजा?

बता दें कि अमेरिका की सरकार हर साल विभिन्न कंपनियों को 65-85 हजार एच-1बी वीजा उपलब्ध कराती है। जिनकी मदद से कंपनियां विदेशों से स्किल्ड कामगारों को नौकरी दे सकती हैं। इनके अतिरिक्त एडवांस डिग्रीधारकों के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से 20 हजार अतिरिक्त वीजा कंपनियों को दिए जाते हैं। यह वीजा 3 साल के लिए मान्य होता है और इसे अगले तीन सालों के लिए रिन्यू कराया जा सकता है। एच-1बी वीजा का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों में इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अमेजन, अल्फाबेट और मेटा जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

H-1B वीजा के लिए कौन पात्र है? 

    • एच-1बी वीजा नियोक्ता प्रायोजित होता है और धारक को गैर-आव्रजक का दर्जा देता है। यह अस्थायी है, आमतौर पर तीन साल तक मान्य रहता है।
  • नियोक्ता को कर्मचारी की ओर से वीजा के लिए आवेदन करना होता, उसे यह साबित करना होता है कि उनके व्यवसाय और स्थिति के लिए विशेष ज्ञान और कौशल की आवश्यकता है।
  • इंजीनियरिंग, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े व्यवसायों  को आमतौर पर एच -1 बी दर्जा दिया जाता है
  • यह एक अस्थायी वीजा है, इसलिए हमेशा इस बात की अनिश्चितता रहती है कि आपका नियोक्ता इसे नवीनीकृत करेगा या नहीं। यही कारण है कि अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए तनाव का एक बड़ा कारण बना रहता है।

जानें कैसे नए वीजा नियमों से भारतीयों को ही होगा सबसे ज्यादा फायदा

जानकारों के अनुसार अमेरिका अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत एच-1बी वीजाधारकों को राहत देने जा रहा है। आने वाले सालों में इस सेवा में विस्तार किया जा सकता है। अमेरिकी सरकार की इस योजना से सबसे ज्यादा भारतीयों को फायदा होगा क्योंकि एच-1बी वीजा लेकर अमेरिका में काम करने वाले लोगों में सबसे ज्यादा तादाद भारतीयों की ही है। वित्तीय वर्ष 2022 में अमेरिका सरकार की ओर से आंकड़ों के अनुसार वहां के कुल एच-1बी वीजाधारकों में से 73 प्रतिशत यानी लगभग 4,42,000 वीजा भारतीयों मूल के लोगों को ही जारी किए गए हैं। हालांकि ये भी खबरें आई थी कि अमेरिकी विदेश विभाग इस प्रोजेक्ट में बदलाव भी कर सकता है। हालांकि अब रीगन सेंटर में पीएम मोदी के एलान के बाद यह तय हो गया है कि एच-1बी धारकों को अब राहत मिलेगी।

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