यूनिसेफ के अनुसार, विस्थापित हुए 4.33 करोड़ बच्चों में से करीब 60 फीसदी हिंसा और संघर्ष का शिकार हुए। यूक्रेन युद्ध की वजह से 20 लाख से अधिक यूक्रेनी बच्चों को माता-पिता और परिवार से बिछड़ कर अपने देश से भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के मुताबिक, 2022 में 4.33 करोड़ बच्चों को जबरन विस्थापित होने की वेदना झेलनी पड़ी। तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चों के विस्थापन का यह आंकड़ा अब तक का रिकॉर्ड है। यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अपने घरों को छोड़ जबरन विस्थापित हुए बच्चों की यह संख्या पिछले दशक के मुकाबले बढ़कर दोगुनी हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, विस्थापित बच्चों में से 1.2 करोड़ बच्चे वे हैं, जिनको जलवायु परिवर्तन से जुड़ी बाढ़, सूखा और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण अपना घर-बार छोड़ना पड़ा। इन प्राकृतिक आपदाओं में 2022 के दौरान पाकिस्तान में आई बाढ़ और हार्न ऑफ अफ्रीका में पड़ा सूखा शामिल है। बच्चों के विस्थापन की यह वेदना कितनी दर्दनाक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन बच्चों में से लाखों को अपना पूरा बचपन दर-दर की ठोकरें खाकर बिताने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
ये हैं कारण
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल के अनुसार, विस्थापित बच्चों की संख्या में होने वाली यह वृद्धि सीधे तौर पर दुनियाभर में चल रहे संघर्ष, हिंसा और जलवायु आपदाओं से जुड़ी है। यह समस्या शरणार्थी और आंतरिक रूप से विस्थापित बच्चों के कल्याण, शिक्षा और समग्र विकास की सुरक्षा के लिए कई सरकारों द्वारा किए गए अपर्याप्त प्रयासों को भी रेखांकित करती है।