भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथयात्रा का जलयात्रा उत्सव से मंगलवार को आगाज हो गया। जलयात्रा जगन्नाथजी मंदिर से शुरू हुई। यह साबरमती नदी के सोमनाथ भूदर में हाथी और घोड़ों के साथ गंगा की पूजा करने पहुंची। गंगा पूजन के बाद साबरमती नदी के भुदर में 108 कलश में जलभर कर लाया गया। इस दौरान गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और पूर्व गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह दिलीपदासजी उपस्थित रहे।
जलयात्रा में शामिल लोगों ने साबरमती नदी के तट पर गंगा पूजन किया और फिर साबरमती नदी के बीच से कलश में जल भरा। इस जल से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के बाद षोडशचर की पूजा की जाएगी। पूजन के बाद भगवान माला ग्रहण कराई जाएगी । षोडशोपचार पूजन के बाद गजवेश से भगवान जगन्नाथजी के पास अलंकृत मोसाल भेजी जाएगी। शाम 4 बजे मंदिर से भगवान सरसपुर स्थित रणछोड़राय मंदिर पहुंचेंगे। वहां वह 15 दिन तक रहेंगे और लोग जहां दर्शन कर सकेंगे। 24 जून को सरसपुर में मामेरू के बाद भगवान निज मंदिर आएंगे ।