15, जून 2020 को भारत-चीन के बीच गंभीर सैन्य झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए, जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए। इस संघर्ष के बाद से दोनों देशों के संबंधों आई तल्खी अबतक खत्म नहीं हुई है।
गलवां घाटी संघर्ष के तीन वर्ष पूरे होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, आज हम उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जिन्होंने गलवां घाटी में हमारे देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका साहस, वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
15, जून 2020 को भारत-चीन के बीच गंभीर सैन्य झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए, जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए। इस संघर्ष के बाद से दोनों देशों के संबंधों आई तल्खी अबतक खत्म नहीं हुई है। हालांकि, इस बीच दोनों देश सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 18 दौर की बातचीत कर चुके हैं।
झड़प के बाद भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने पर खासा जोर दिया है। इसके लिए ऑल टेराइन व्हीकल, प्रिसीजन गाइडेड मिसाइल, हाईटेक सर्विलांस, रडार और हल्के लड़ाकू विमान व टैंकों की तैनाती की है। इस घटना के तीन वर्ष पूरे होने पर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने क्षेत्र में तैयारियों का जायजा लिया। सेना के सूत्रों ने बताया कि उत्तरी सेना कमान कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली और वन स्ट्राइक कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल संजय मित्रा ने अहम बैठक की है।