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निर्मला सीतारमण ने चक्रवात बिपारजॉय के मद्देनजर बैंकों-बीमा कंपनियों के साथ की बैठक, दिए यह निर्देश

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास से पार करने का अनुमान है। इस दौरान व्यापक हानि होने और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों को सबसे अधिक प्रभावित करने की संभावना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के मद्देनजर अपनी तैयारियों की समीक्षा के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों की बैठक की अध्यक्षता की। अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में वर्गीकृत ‘बिपरजॉय’ के गुरुवार को गुजरात तट पर पहुंचने का अनुमान है।

वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट कर बताया कि बैठक के दौरान बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों (एमडी) ने चक्रवात बिपरजॉय के लिए एहतियाती उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी आपदा प्रबंधन नियमों का पालन करने के साथ-साथ कर्मचारियों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास से पार करने का अनुमान है। इस दौरान व्यापक हानि होने और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों को सबसे अधिक प्रभावित करने की संभावना है।

दावों को शीघ्रता से निपटाने पर जोर
वित्त मंत्रालय के एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों और बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चक्रवात बिपरजॉय के दौरान कर्मचारियों को पर्याप्त देखभाल, भोजन और दवा मिले। उन्होंने कहा कि जीवन, मत्स्य पालन, पशुधन, फसलों, नावों और संपत्ति के नुकसान से उत्पन्न होने वाले दावों को शीघ्रता से निपटाया जाना चाहिए।

चक्रवात के बाद बैंकिंग सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जाए: सीतारमण
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई इस बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। वित्त मंत्रालय ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बैंकिंग सेवाओं को जल्द से जल्द चक्रवात के बाद बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बैंकिंग से जुड़े कर्मचारियों को उपलब्ध होना चाहिए और नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, खासकर ऐसे जगहों पर जहां एटीएम की बहाली में समय लग सकता है।

चक्रवात के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री ने प्रभावी समन्वय के लिए जिला अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए बैंक अधिकारियों के महत्व पर जोर दिया। बैठक में बैंकों के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिकता के रूप में दस्तावेजों और संवेदनशील सूचनाओं की सुरक्षा पर भी जोर दिया गया। मंत्रालय ने कहा, बैंकों और बीमा कंपनियों के अधिकारियों ने सीतारमण को आश्वासन दिया कि किसी भी संभावित नुकसान को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और बैंकिंग सेवाओं की त्वरित बहाली सुनिश्चित करेंगे। 

सरकार के विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन ने भारत को ज्यादा ऋणग्रस्त देश बनने से बचा लिया: सीतारमण

वहीं, दिल्ली में आयोजित भाजपा के ‘महा जनसंपर्क अभियान’ में सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सरकार द्वारा विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन ने भारत को ज्यादा ऋणग्रस्त देश बनने से बचा लिया। उन्होंने कहा, जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि भारत का कर्ज उच्च स्तर तक बढ़ गया है, वे वही लोग हैं जिन्होंने सरकार को महामारी के दौरान पैसे छापने और इसे वितरित करने की सलाह दी थी। अगर सरकार ने उनकी सलाह मान ली होती तो हम अब तक सबसे ज्यादा कर्जदार देश बन गए होते और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं बने होते।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए सीतारमण ने कहा कि आप सरकार के कई मंत्री जेल में हैं, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, जिसने हाल ही में नौ साल पूरे किए हैं।

सरकार की कुल देनदारियां दिसंबर तिमाही में बढ़कर 150.95 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो सितंबर 2022 को समाप्त हुए तिमाही में 147.19 लाख करोड़ रुपये थीं। यह वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर 2022-23 में 2.6 प्रतिशत की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि को दर्शाती है। आंकड़ों की दृष्टि से कहे तो दिसंबर 2022 के अंत में सरकार के सार्वजनिक खाते के तहत कुल देनदारियां बढ़कर 1,50,95,970.8 करोड़ रुपये हो गईं। सितंबर तिमाही के अंत में 89.1 प्रतिशत की तुलना में दिसंबर तिमाही में कुल बकाया देनदारियों में सार्वजनिक ऋण का हिस्सा 89 प्रतिशत था।

भारत 2023 के वित्तीय वर्ष में 7.2 प्रतिशत की विकास दर के साथ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले प्रमुख राष्ट्र के रूप में उभरा है। आईएमएफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉलर के संदर्भ में, भारत की जीडीपी बढ़कर 3.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है और 2023 कैलेंडर वर्ष के अंत तक 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

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