रक्तदान हृदय की बीमारियों को कम करने में सहायक, जानिए इससे होने वाले अन्य स्वास्थ्य लाभ
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वैश्विक स्तर पर समय पर खून न मिल पाने के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत में भी रक्त की कमी का मामला एक गंभीर विषय रहा है। मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार भारत को हर साल 15 मिलियन यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 11 मिलियन यूनिट ही एकत्र हो पाता है। कोविड-19 महामारी के बाद से ब्लड डोनेशन में काफी कमी आई है।विशेषज्ञों ने चेताया है कि गुणवत्तापूर्ण रक्त की अनुपलब्धता के कारण भारत में प्रतिदिन हजारों की मृत्यु का खतरा रहता है, इस जोखिम को देखते हुए समय-समय पर लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जाता रहता है।रक्तदान न सिर्फ किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है साथ ही इसका रक्तदाता के शरीर पर भी विशेष प्रभाव होता है। अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रक्तदान करना शरीर के लिए लाभकारी हो सकता है। रक्तदान करने की आदत आपको कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के खतरे से बचा सकती है। इसके अलावा सबसे आवश्यक बात, रक्तदान को लेकर चली आ रही अफवाहों के बारे में विशेषज्ञ स्पष्ट करते हैं कि इससे बिल्कुल कमजोरी नहीं आती है। रक्तदान पूरी तरह से सुरक्षित है।
कौन कर सकता है रक्तदान?
रक्तदान करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है। रक्तदान करने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। रक्तदाता का ब्लड हीमोग्लोबिन का लेवन 13 से कम नहीं होना चाहिए। रक्तदाता का वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए, इसके अलावा रक्तदाता का पूरी तरह से स्वस्थ होना यानी कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या किसी अन्य प्रकार का संक्रमण नहीं होना चाहिए।फेफड़ों की गंभीर बीमारी, हेपेटाइटिस, एचआईवी संक्रमण, एड्स आदि के शिकार लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। सामान्यतौर पर एक रक्तदान के तीन महीने के बाद भी अगला रक्तदान किया जाना चाहिए। आइए रक्तदान करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।
ब्लड प्रेशर की समस्या होती है कम
शोधकर्ताओं ने पाया कि नियमित रूप से रक्तदान करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा कम होता है। साल 2015 में, वैज्ञानिकों ने एक वर्ष के दौरान एक से चार बार रक्तदान करने वाले 292 दाताओं की स्वास्थ्य जांच की। ऐसे लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा कम देखा गया। ब्लड प्रेशर की समस्या न होने से हृदय रोग से संबंधित जोखिमों का खतरा भी कम होता है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कम करने में भी ब्लड डोनेशन के फायदे देखे गए हैं।
वजन को कंट्रोल रखने में मिलती है मदद
शोधकर्ताओं ने पाया ब्लड डोनेशन से वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। कुछ शोध में पाया गया कि रक्तदान करने से कैलोरी बर्न किया जा सकता है जिससे वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। हालांकि इसकी पुष्टि की लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि नियमित रक्तदान की आदत कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है जिसके कारण वजन बढ़ने का खतरा कम होता है।
मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभकारी
रक्तदान करने से भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ होता है। मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार यह कई प्रकार से आपकी मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए लाभकारी हो सकता है।
रक्तदान करने से अच्छी अनुभूति होता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
तनाव-चिंता जैसे विकारों को कम करने में भी रक्तदान के लाभ देखे गए हैं।
नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा पाने में मदद करता है।
रक्तदान अपनेपन की भावना को बढ़ाने में भी सहायक है।