
रक्तदान करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है। रक्तदान करने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। रक्तदाता का ब्लड हीमोग्लोबिन का लेवन 13 से कम नहीं होना चाहिए। रक्तदाता का वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए, इसके अलावा रक्तदाता का पूरी तरह से स्वस्थ होना यानी कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या किसी अन्य प्रकार का संक्रमण नहीं होना चाहिए।फेफड़ों की गंभीर बीमारी, हेपेटाइटिस, एचआईवी संक्रमण, एड्स आदि के शिकार लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। सामान्यतौर पर एक रक्तदान के तीन महीने के बाद भी अगला रक्तदान किया जाना चाहिए। आइए रक्तदान करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि नियमित रूप से रक्तदान करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा कम होता है। साल 2015 में, वैज्ञानिकों ने एक वर्ष के दौरान एक से चार बार रक्तदान करने वाले 292 दाताओं की स्वास्थ्य जांच की। ऐसे लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा कम देखा गया। ब्लड प्रेशर की समस्या न होने से हृदय रोग से संबंधित जोखिमों का खतरा भी कम होता है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कम करने में भी ब्लड डोनेशन के फायदे देखे गए हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया ब्लड डोनेशन से वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। कुछ शोध में पाया गया कि रक्तदान करने से कैलोरी बर्न किया जा सकता है जिससे वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। हालांकि इसकी पुष्टि की लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि नियमित रक्तदान की आदत कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है जिसके कारण वजन बढ़ने का खतरा कम होता है।

रक्तदान करने से भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ होता है। मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार यह कई प्रकार से आपकी मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए लाभकारी हो सकता है।
- रक्तदान करने से अच्छी अनुभूति होता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
- तनाव-चिंता जैसे विकारों को कम करने में भी रक्तदान के लाभ देखे गए हैं।
- नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा पाने में मदद करता है।
- रक्तदान अपनेपन की भावना को बढ़ाने में भी सहायक है।
