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60,000 करोड़ रुपये का मनी लॉड्रिंग मामला, सचिन दुग्गल का गैर जमानती वारंट रद्द करने से कोर्ट का इंकार

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विशेष जज राजेश कुमार गोयल ने दुग्गल के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत के 10 फरवरी, 2023 को उनके खिलाफ वारंट जारी करने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। आवेदन में दावा किया गया था कि इस मामले में दुग्गल अकेला गवाह था।

दिल्ली की एक अदालत ने वीडियोकॉन समूह के 60,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उद्यमी सचिन देव दुग्गल के खिलाफ जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने से मना कर दिया। वीडियोकॉन ने अपनी मोजाम्बिक, ब्राजील, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी तिमोर में तेल और गैस संपत्तियों को विकसित करने के लिए बैंकों के एक समूह से यह रकम कर्ज ली थी।

विशेष जज राजेश कुमार गोयल ने दुग्गल के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत के 10 फरवरी, 2023 को उनके खिलाफ वारंट जारी करने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। आवेदन में दावा किया गया था कि इस मामले में दुग्गल अकेला गवाह था।

याचिका खारिज करते हुए जज ने कहा, अगर कोई व्यक्ति, जिसे जांच एजेंसी ने समन किया है भले ही गवाह के रूप में, नोटिस या सम्मन की तामील के बावजूद उपस्थित होने में विफल रहता है, तो बलपूर्वक कार्रवाई पर कोई कानूनी रोक नहीं है।

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