हाल ही में केरल पुलिस ने मार्क लिस्ट विवाद में महाराजा कॉलेज के छात्र नेता पीएम अर्शो की शिकायत पर कॉलेज के प्रिंसिपल वीएस जॉय, केएसयू राज्य अध्यक्ष अलोटियस जेवियर, एर्नाकुलम के पूर्व समन्वयक विनोद कुमार, पत्रकार फाजिल सीए और अखिल नंदकुमार के खिलाफ केस दर्ज किया है।
कांग्रेस सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने केरल सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (म) सरकार के खिलाफ मंगलवार को थरूर ने कहा कि राज्य में प्रेस की स्वतंत्रता खतरे में है। यहां बेहतर तरीके से अपना काम करने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
पहले जानिए, क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, हाल ही में केरल पुलिस ने मार्क लिस्ट विवाद में छात्र नेता की शिकायत पर पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसके बाद से ही सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस ने महाराजा कॉलेज के छात्र नेता पीएम अर्शो की शिकायत पर कॉलेज के प्रिंसिपल वीएस जॉय, केएसयू राज्य अध्यक्ष अलोटियस जेवियर, एर्नाकुलम के पूर्व समन्वयक विनोद कुमार, पत्रकार फाजिल सीए और अखिल नंदकुमार के खिलाफ FIR दर्ज की है। पांचों लोगों पर आईपीसी की धारा 120-बी, 465, 469, 500 और केरल पुलिस एक्ट (2011) के 120 के तहत आपराधिक साजिश, जालसाजी और मानहानि का मामला दर्ज किया गया है।
अब जानिए, क्यों दर्ज की गई FIR
पुलिस के अनुसार, पूरा विवाद शुरू होता है रिजल्ट से। दरअसल, कॉलेज की साइट पर लिस्ट जारी की गई। लिस्ट में अर्शो को पास दिखाया गया लेकिन उसके नंबर जीरो दिखाए गए। इसके बाद अर्शो ने दावा किया कि उसने न तो परीक्षा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन किया न ही कोई परीक्षा दी फिर भी वह पास कैसे हो गया। इसपर सफाई देते हुए प्रिंसिपल ने पहले कहा था कि अर्शो ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके बाद में उन्होंने कहा कि यह एनआईसी की तरफ से कोई त्रुटि हुई है और अर्शो का दावा सही है कि उन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करने के कारण केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने मामले का जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा है कि रिपोर्टर के खिलाफ की गई कार्रवाई अलोकतांत्रिक है। सरकार का यह कदम प्रेस की स्वतंत्रता पर आक्रमण है। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।
जानिए, क्या बोले थरूर
कांग्रेस नेता थरूर ने ट्वीट कर पिनराई सरकार के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा कि बेहतरीन और निष्पक्षता से काम करने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, मैं इससे आहत हूं। प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र के लिए जरूरी है। इसके साथ उन्होंने एक फोटो भी साझा की। फोटो में एक फ्रेंच लेखक का वाक्य लिखा था ’मैं आपसे असहमत जरूर हो सकता हूं लेकिन मैं मरते दम तक आपके अधिकारों की रक्षा करूंगा’।