उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार चल रहीं माफिया अतीक अहमद के परिवार की पांच महिलाएं पुलिस के लिए चुनौती बन गई हैं। इनको गिरफ्तार करने की बात तो दूर पुलिस को इनकी भनक तक नहीं लग पा रही है। तीन महीने से अधिक समय से पुलिस की टीमें खाक छान रही हैं, लेकिन इनका पता नहीं चल सका है।
अतीक के परिवार की पांच महिलाएं पुलिस के लिए सिरदर्द हो गई हैं। उमेश पाल हत्याकांड हुए तीन महीने से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन पुलिस 50 हजार की इनामी शाइस्ता समेत किसी महिला को नहीं पकड़ पाई है। शाइस्ता के अलावा अतीक की बहन आयशा नूरी, भांजी मंतशा और उंजिला के साथ ही अशरफ की पत्नी जैनब को वांटेड किया गया है। अधिकारी अब इस बारे में बात करने से कतराते हैं।
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को उमेश पाल हत्याकांड की पहली एफआईआर में नामजद किया गया था। पुलिस ने शाइस्ता को मुख्य साजिशकर्ता के साथ ही अतीक के गिरोह का संचालक भी बताया था। पुलिस का यह भी आरोप था कि उमेश की हत्या करने वाले शूटरों को हथियार और रुपये शाइस्ता ने ही मुहैया कराए थे।
शाइस्ता की भूमिका को देखते हुए पुलिस ने उस पर पचास हजार का इनाम घोषित किया है। तलाश में ही पुलिस के अब तक कई लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।प्रयागराज से लेकर कौशाम्बी तक शाइस्ता की तलाश पुलिस ने सैकड़ों गांव में दबिश दी। लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सैकड़ों मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए लेकिन अब तक शाइस्ता का कुछ पता नहीं चला है।
अशरफ की पत्नी जैनब को काफी बाद में पुलिस ने नामजद किया। उस पर शूटरों की आर्थिक मदद और छिपाने का आरोप लगाया गया है। जैनब काफी मुखर थी। उसने कई बार प्रेस कांफ्रेंस भी की थी। उसने तमाम अफसरों पर आरोप लगाए थे कि वे अशरफ को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। जैनब पर कोई इनाम तो नहीं है लेकिन पुलिस अब तक उसे नहीं पकड़ पाई है।
जैनब की ही तरह अतीक की बहन आयशा नूरी भी अतीक के पक्ष में लगातार बोल रही थी। अतीक को जब पहली बार साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था तो वकील के साथ जैनब और आयशा नूरी काफिले के साथ-साथ चल रहीं थीं। आयशा ने भी जैनब के साथ मिलकर प्रेस कांफ्रेंस की थी। इतना नहीं वह लगातार अतीक के वकीलों से भी मिलकर केस की पैरवी में जुटी थी। आयशा उस वक्त संदेह के घेरे में आ गई, जब पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम हत्या के बाद एक वायरल वीडियो में उसके मेरठ स्थित घर में दिखा।
आयशा और उसके पति अखलाक ने न सिर्फ गुड्डू की मदद की थी बल्कि असद को भी आर्थिक मदद भेजी थी। इस तथ्य के सामने आने के बाद पुलिस ने आयशा के पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में शूटरों की मदद के आरोप में आयशा और उसकी दोनों बेटियों मंतशा और उंजिला को भी शूटरों को मदद पहुंचाने के आरोप वांटेड किया गया।शाइस्ता, जैनब, आयशा नूरी, मंतशा और उंजिला महीनों से फरार हैं। पुलिस अधिकारी उन्हें पकड़ने का दावा करते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि सर्विलांस सिस्टम और अत्याधुनिक तकनीक से लैस पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम है।
साबिर और गुड्डू मुस्लिम की तलाश में एसटीएफ फिर सक्रिय
पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम और साबिर की तलाश में एसटीएफ फिर सक्रिय हो गई है। उनकी खोज के लिए तमाम रिश्तेदारों और करीबियों को नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक असद, गुलाम, अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान एनकाउंटर की जांच के कारण पुलिस थोड़ी ढीली हुई थी। अब फिर से गुड्डू मुस्लिम और साबिर की तलाश तेज कर दी गई है। हत्याकांड में शामिल एक अन्य शूटर अरमान का भी अब तक कुछ पता नहीं चला है। उसकी तलाश में जल्द ही पुलिस की टीमों को बिहार भेजा जाएगा।