एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, मई के आखिरी दस दिनों में करीब 3.96 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ। 2022-23 में मई की तुलना में लेनदेन की मात्रा में 58% की वृद्धि हुई, जबकि मूल्य में 37% की वृद्धि हुई।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लेनदेन ने मई में मूल्य के मामले में 14.3 लाख करोड़ रुपये और वॉल्यूम के मामले में 9.41 अरब का नया रिकॉर्ड हासिल किया है। यह अप्रैल की तुलना में मूल्य में 2 प्रतिशत (14.07 लाख करोड़) व वॉल्यूम में 6 प्रतिशत (8.89 अरब) की बढ़ोतरी है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, मई के आखिरी दस दिनों में करीब 3.96 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ। 2022-23 में मई की तुलना में लेनदेन की मात्रा में 58% की वृद्धि हुई, जबकि मूल्य में 37% की वृद्धि हुई। आईएमपीएस से लेनदेन अप्रैल में 5.21 लाख करोड़ की तुलना में लगभग 1 प्रतिशत बढ़कर 5.26 लाख करोड़ हो गया। फास्टैग लेनदेन के वॉल्यूम में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल में यह 30.5 करोड़ से मई में 33.5 करोड़ पहुंच गई। मई में 6% बढ़कर 5,437 करोड़ रुपये हो गया।
तीसरी औद्योगिक नीति के लिए विचार-विमर्श जारी
सरकार नई औद्योगिक नीति बनाने के लिए अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल तैयार करना है, ताकि विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। यह तीसरी औद्योगिक नीति होगी। पहली औद्योगिक नीति साल 1956 में तथा दूसरी औद्योगिक नीति साल 1991 में बनी थी।
किसानों से केंद्र सरकार ने अब तक खरीदे 262 लाख टन गेहूं
केंद्र सरकार ने किसानों से इस साल अब तक 262 लाख टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की है। इसके एवज में किसानों को 47,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। सरकार ने चालू सीजन में 341.5 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा है। मंत्रालय के मुताबिक, रबी सीजन की गेहूं खरीद आगे भी जारी रहेगी। 30 मई तक जो खरीद हुई है, वह पिछले साल की 188 लाख टन खरीद से 74 लाख टन ज्यादा है। इससे 21.27 लाख किसानों को अच्छा फायदा हुआ है। खरीद में सबसे अधिक योगदान पंजाब का रहा है। यहां से 121.27 लाख टन, मध्यप्रदेश से 70.98 लाख टन और हरियाणा से 63.17 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। पिछले साल सरकार ने 444 लाख टन का संशोधित लक्ष्य 195 लाख मीट्रिक टन रखा था, जबकि खरीद केवल 187.9 लाख टन की हुई थी, क्योंकि अत्यधिक गर्मी से फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा था।
पतंजलि फूड्स लि. को 263 करोड़ का मुनाफा
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स लि को मार्च तिमाही में 263.7 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। एक साल पहले यह 234.43 करोड़ रुपये था। इसी दौरान कुल आय 6,676 करोड़ से बढ़कर 7,963 करोड़ रुपये हो गई है। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि 2022-23 में इसका शुद्ध फायदा 886.44 करोड़ रहा जो कि उसके पहले के साल में 806 करोड़ रुपये था। इसी दौरान कुल आय बढ़कर 31,821.45 करोड़ रही जो एक साल पहले 24,284 करोड़ रही थी।