प्रचंड ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के आर्थिक और विकास परिदृश्य में शानदार बदलाव को देखकर बेहद खुश हूं। प्रचंड बोले वैश्विक दक्षिण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जो आवाज बुलंद की है और जी-20 और एससीओ की अध्यक्षता में भारत ने जो पहलें की हैं उनके लिए मैं उनकी तारीफ करता हूं।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड ने कहा कि नेपाल और भारत के संबंध सदियों पुराने और बहुआयामी हैं। ये संबंध एक तरफ हमारी समृद्ध परंपरा और सभ्यता, संस्कृति और सामाजिक आर्थिक संपर्क पर तो दूसरी तरफ समानता, आपसी सम्मान-समझ और सहयोग के सार्वभौम सिद्धांतों पर आधारित हैं। उन्होंने दिल्ली के हैदाराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई वार्ता की जानकारी देते हुए कहा, दोनों ही पक्षों ने व्यापार, संपर्क, निवेश, जलशक्ति, ऊर्जा व्यापार, सिंचाई, बिजली वितरण, पेट्रोलियम पाइपलाइन, सीमा पर एकीकृत चेकपोस्ट व जमीनी व हवाई संपर्क के क्षेत्रों में इन संबंधों को और मजबूती देने के तरीकों के बारे में चर्चा की है।
प्रचंड ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के आर्थिक और विकास परिदृश्य में शानदार बदलाव को देखकर बेहद खुश हूं। प्रचंड ने कहा, नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी चौथी भारत यात्रा है। मैं इससे पहले सितंबर और अक्तूबर 2016 और फिर सितंबर 2018 में अपनी यात्राओं को स्नेहपूर्वक याद करता हूं। मैं अपने साथ नेपाल के लोगों और मेरी सरकार की शुभकामनाएं साथ लाया हूं। उन्होंने कहा, भारत के बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस और अंतरराष्ट्रीय बिग कैप अलायंस में नेपाल के शामिल होने को लेकर नेपाल खुश है।
प्रचंड बोले वैश्विक दक्षिण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जो आवाज बुलंद की है और जी-20 और एससीओ की अध्यक्षता में भारत ने जो पहलें की हैं उनके लिए मैं उनकी तारीफ करता हूं। प्रचंड चार दिन यात्रा पर बुधवार को भारत पहुंचे हैं। भारत और नेपाल आपस में 1580 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और यह सीमा भारतीय राज्यों सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड राज्यों से गुजरती है। हर ओर भूमि से घिरा नेपाल जरूरी वस्तुओं और सेवाओं के आयात के लिए भारत पर गंभीर रूप से निर्भर है। समुद्र तक नेपाल की सबसे नजदीकी पहुंच भारत के रास्ते से ही है और समुद्री आयात भारत के रास्ते ही होता है।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी और पीएम प्रचंड के बीच द्विपक्षीय संपर्क और सहयोग के तकरीबन हर क्षेत्र पर चर्चा हुई। क्वात्रा ने दोनों नेताओं की बैठक के बाद मीडिया से कहा, पश्चिमी नेपाल में 480 मेगावाट की फुकोट करनाली पनबिजली परियोजना विकसित करने के लिए एनएचपीसी इंडिया ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसके अलावा 679 मेगावाट के लोअर अरुण प्रोजेक्ट के लिए भारत की सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने परियोजना विकास समझौता किया है। एसजेवीएन की ओर से 92.68 अरब नेपाली रुपये के निवेश प्रस्ताव को इसी अप्रैल में प्रचंड सरकार ने मंजूरी दी है।
- बैठक में पंचेश्वर बहुपयोगी परियोजना का समयबद्ध रूप से पूरा करने भी प्रतिबद्धता जताई गई। यह दोनों देशों के बीच महाकाली नदी बनने वाली पनबिजली परियोजना है। दोनों देशों के बीच जो सात समझौते हुए वे आपसी संपर्क बढ़ाने, आधारभूत ढांचा और नागरिक संबंध मजबूत करने से जुड़े हैं। समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान नेपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स और भारत के सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस के बीच हुआ।
एक दशक में दस हजार मेगावाट बिजली आयात का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा, पिछले साल हमने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए विशेष दृष्टिकोण अपनाया था। इसे आगे बढ़ाते हुए हमने आज दीर्घावधि ऊर्जा व्यापार समझौता के तहत दस वर्षो में, नेपाल से दस हजार मेगावाट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा