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‘मैं भाजपा की हूं, BJP मेरी पार्टी नहीं’, महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे का बयान

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पिछले कई साल से कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश भाजपा में पंकजा मुंडे को किनारे कर दिया गया है। अगस्त 2022 में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुंडे ने कहा था कि वह संभवत: इतनी योग्य नहीं हैं कि मंत्री पद मिल सके। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस साल जनवरी में कहा था कि कुछ लोग पार्टी और मुंडे के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह भाजपा की हैं, लेकिन भाजपा उनकी पार्टी नहीं है। दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से चर्चा से दूर हैं। वह 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री थीं।

एक कार्यक्रम में पंकजा मुंडे ने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है, लेकिन वह उनकी नहीं है। उन्होंने महादेव जानकर नीत राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) का हवाला देते हुए कहा कि मैं भाजपा की हूं। अगर मुझे मेरे पिता से कोई समस्या है तो मैं अपने भाई के घर जाऊंगी। गोपीनाथ मुंडे के करीबी रहे जानकर ने कहा कि मेरी बहन की पार्टी की वजह से हमारे समुदाय को लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि रिमोट कंट्रोल किसी और के पास होगा

पिछले कई साल से कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश भाजपा में पंकजा मुंडे को किनारे कर दिया गया है। अगस्त 2022 में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुंडे ने कहा था कि वह संभवत: इतनी योग्य नहीं हैं कि मंत्री पद मिल सके। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस साल जनवरी में कहा था कि कुछ लोग पार्टी और मुंडे के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

इससे पहले भाजपा सांसद और पंकजा की बहन प्रीतम मुंडे ने कहा था कि किसी भी महिला की शिकायत पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। प्रीतम ने बुधवार को महाराष्ट्र के बीड जिले में संवाददाताओं से कहा था कि बाद में अधिकारी तय कर सकते हैं कि शिकायत सही है या नहीं।

प्रीतम मुंडे ने कहा कि मैं सांसद के तौर पर नहीं, बल्कि एक महिला के तौर पर कहती हूं कि अगर किसी महिला की तरफ से ऐसी शिकायत आती है तो उसका संज्ञान लिया जाना चाहिए। इसकी पुष्टि की जानी चाहिए। सत्यापन के बाद अधिकारियों को यह तय करना चाहिए कि यह उचित है या अनुचित।

उन्होंने अगर संज्ञान नहीं लिया जाता है, तो लोकतंत्र में इसका स्वागत नहीं किया जाता है। इस मामले का संज्ञान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिया जा रहा है। अब अगर मैं जांच समिति की मांग करती हूं तो यह पब्लिसिटी स्टंट होगा। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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